नाइजीरिया में एक बार फिर से ईसाइयों की हत्या की गई है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार शुक्रवार रात से लेकर शनिवार सुबह तक नाइजीरिया के बेनुए प्रांत में 100 लोगों की हत्या हथियारबंद लोगों ने कर दी। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस घटना की निंदा की है, मगर यह नहीं स्पष्ट किया है कि आखिर जिन लोगों ने मारा वे कौन थे।
नाइजीरिया के इस प्रांत में फुलानी इस्लामिस्ट आतंकवादी ईसाई किसानों की लगातार हत्या करते आए हैं। thesun.ng अर्थात thesunnigeria के अनुसार इस हमले में लगभग 200 से अधिक ईसाई मारे गए हैं। इसमें लिखा है कि बेनुए प्रांत में चरवाहा मिलिशिया ने गुमा स्थानीय सरकारी क्षेत्र के येलवाटा में 200 से अधिक लोगों की हत्या कर दी।
ईसाई बहुल गाँव है येलवाटा
येलवाटा ईसाई बहुल गाँव है। इसमें 98 प्रतिशत ईसाई किसान हैं। इसमें आसपास के कस्बों से फुलानी मिलिशिया के हमलों से पीड़ित लोगों के लिए भी आवास की व्यवस्था की जाती है। सननाइजीरिया के साथ फोन पर बात करते हुए येलवाटा में एक सामुदायिक नेता मैथ्यू मनीयन ने कहा कि “पिछली रात 11 बजे यह तब शुरू हुआ, जब फुलानी आतंकवादी येलवाटा के पश्चिमी हिस्से से आए और उन्होनें गोली चलानी शुरू कर दी। उनका मुकाबला स्थानीय लोगों और पुलिस कर्मियों ने किया, तो अचानक से ही पूर्वी हिस्से से भी दूसरा समूह आया और उन्होंने हमला कर दिया। हत्या की, बाजार में स्टॉल्स पर पेट्रोल छिड़का और फिर उन्हें जला दिया।
महिलाओं और शिशुओं की हत्या, रक्षा के लिए कोई नहीं आया
सामुदायिक नेता ने कहा कि उन स्टॉल्स पर ब्रांच उडेई और आसपास के गांवों से विस्थापित लोग कार्य करते हैं, और वे स्टॉल्स में इसीलिए सोते हैं, क्योंकि यहाँ पर पुलिस की उपस्थिति रहती है। मगर ऐसा सुनने में आया कि उस समय लोगों की रक्षा करने के लिए कोई भी सैनिक नहीं आया। महिलाओं, बच्चों और शिशुओं की निर्मम हत्या की गई। बच्चों की गर्दन काटकर उन्हें जानवरों की तरह मारा गया। अभी तक 200 लोगों की मौत का अनुमान है। किसी के परिवार में 15 लोग थे तो किसी के परिवार में 12…।
गहरी नींद के समय किया हमला
Association of United Farmers Benue Valley (AUFBV) के अध्यक्ष चीफ डेनिस गबोनगबोन ने कहा कि यह घटना शनिवार सुबह लगभग 2 बजे हुई। हमलावरों ने तब हमला किया, जब लोग गहरी नींद में थे। घरों में आग लगाई गई। पीड़ितों में से अधिकांश आंतरिक रूप से विस्थापित (आईडीपी) थे, जो पड़ोसी नसरवा राज्य से भागकर इस क्षेत्र में शरण लेने आए थे।
एमनेस्टी ने केवल बंदूकधारी लिखा
जहाँ सन नाइजीरिया में इस घटना के विषय में बताया गया है कि इसमें फुलानी आतंकवादियों का हाथ था, वहीं एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक्स पर की गई पोस्ट में घटना का उल्लेख है, परंतु मारने वालों और मरने वालों के विषय में बात नहीं की गई है। इस पर सोशल मीडिया पर ही लोगों ने एमनेस्टी इंटरनेशनल से प्रश्न किया है कि आप केवल बंदूकधारी कैसे लिख सकते हैं?
You always find a way to tactically avoid mentioning the fact that it's a religious conflict. Let me help you "THE HORRIFYING KILLING OF 100 CHRISTIANS BY MUSLIM TERRORISTS IN YELWATA, BENUE STATE".
— Mind Surgeon (@MindSurgeonAI) June 15, 2025
हाल ही में हुए हत्याकांड
नाइजीरिया में यह नई घटना नहीं है। 1 जून को फुलानी आतंकवादियों ने ग्वेर पश्चिम और आपा क्षेत्रों में हमला करके लगभग 43 ईसाइयों की हत्या की थी। इसके बाद 6 जून को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि नाइजीरिया में ईद पर ईसाइयों को मारा जा रहा है।
TERRIFYING: Christians are being hunted like animals in Nigeria.
An Islamist group invaded a Christian village and started shooting everyone in sight.
They are killing Christians on Eid and offering them as human sacrifices.
The media remains silent.
— Dr. Maalouf (@realMaalouf) June 6, 2025
अप्रैल में ही आईएसआईएस ने नाइजीरिया के बोरनेओ प्रांत में ईसाई गाँव पर हमला करके घरों मे और चर्च में आग लगा दी थी और 20 नाइजीरियाई ईसाइयों की हत्या कर दी थी। लगभग रोज ही ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जिनमें नाइजीरिया में ईसाइयों की हत्याओं का उल्लेख होता है। इस हत्याकांड की निंदा पोप ने भी की है।
जमीन और जल को लेकर लड़ाई
2 जून को ही एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, जिसमें यह लिखा था कि बेनुए राज्य में केवल एक ही सप्ताह में 85 ईसाई मारे जा चुके हैं। यह क्षेत्र नाइजीरिया का मिडल बेल्ट वाला क्षेत्र है, जहां अक्सर जमीन और जल एवं राजनीतिक वर्चस्व को लेकर लड़ाई होती रहती है। यहां ईसाई जनसंख्या किसान है और मुस्लिम आबादी चरवाहे हैं।
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