माओवादी विरोधी अभियान के तहत ओडिशा के मलकानगिरी जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ सीमा से सटे जंगलों में हुई मुठभेड़ के बाद पुलिस ने दो कुख्यात माओवादियों को गिरफ्तार किया है। घटनास्थल से हथियार, विस्फोटक और माओवादी सामग्री भी बरामद की गई।
गिरफ्तार माओवादियों की पहचान केसा कवासी और राकेश उर्फ सानू कुंजाम के रूप में हुई है। केसा कवासी कंगेरघाटी एरिया कमेटी का सदस्य है और छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दरबा थाना क्षेत्र के चांदामेटा पटालपारा गांव का निवासी है। वहीं, सानू कुंजाम एओबी मिलिट्री प्लाटून सेक्शन-01 से जुड़ा एरिया कमेटी सदस्य है और बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के टेमोड गांव का रहने वाला है।
मलकानगिरी के पुलिस अधीक्षक विनोद पाटिल ने बताया कि 12 और 13 जून की रात विशेष खुफिया सूचना के आधार पर सोड़ीगुड़ा और टेंगुलिगुड़ा गांवों के जंगलों में ओडिशा पुलिस और सुरक्षा बलों ने संयुक्त सर्च ऑपरेशन चलाया।
एसपी पाटिल ने बताया कि शुक्रवार तड़के हमारी टीम ने जंगल में माओवादियों के एक समूह को देखा। आत्मसमर्पण की चेतावनी देने पर माओवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दो माओवादी पकड़े गए, जबकि अन्य घने जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गए ।
पूछताछ में पता चला कि कवासी ने 2010 में 17 वर्ष की उम्र में और कुंजाम ने 2009 में मात्र 14 साल की उम्र में माओवादी संगठन में शामिल हुआ था। दोनों कई हिंसक माओवादी घटनाओं जैसे कि एंबुश, कैंप हमले और वाहनों को जलाने की घटनाओं में शामिल रहे हैं। इन पर मलकानगिरी और कोरापुट जिलों में 20 से अधिक मामलों में प्राथमिकी दर्ज है, जिनमें भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम शामिल हैं।
छापेमारी के दौरान एक पिस्तौल, छह राउंड कारतूस, दस इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, एक रेडियो सेट, वॉकी-टॉकी और अन्य माओवादी सामग्री बरामद की गई।
एसपी पाटिल ने कहा कि पूछताछ जारी है ताकि इनके नेटवर्क और आगे की योजनाओं का पता लगाया जा सके। ओडिशा पुलिस मुख्यालय ने अभियान में शामिल जवानों की बहादुरी और रणनीतिक कौशल की सराहना की है। यह कार्रवाई मलकानगिरी जैसे माओवादी प्रभावित इलाकों में शांति बहाली के प्रयासों की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
टिप्पणियाँ