वाराणसी । ऐसी खबरें अक्सर आते रहती है कि बुजुर्ग मां बाप को संतानों के द्वारा वृद्धाश्रम में छोड़ दिया गया। कई बार लोग काशीवास के नाम पर बुजुर्ग मां बाप को छोड़ जाते हैं। लेकिन इसी समाज में बिहार कैमूर के रहने वाले राणा प्रताप सिंह ने मिशाल पेश किया है। उन्होंने 90 वर्ष की बुजुर्ग मां को कंधे पर बैठाकर काशी दर्शन कराया। बाबा विश्वनाथ के धाम में भी वो मां को कंधे पर बैठाकर दर्शन को गए। मां को गंगा में स्नान कराया और पिता के चरण पादुका की पूजा की।
राणा प्रताप सिंह अपनी बुजुर्ग मां को अपने बेटे के सहयोग से कैमूर से कंधे पर बैठाकर काशी पहुंचे। राणा प्रताप सिंह ने करीब 15 किलोमीटर की यात्रा काशी में मां को कंधे पर बैठाकर किया। अलग अलग कई मंदिरों में दर्शन पूजन कराया। उन्होंने बताया कि 11 अप्रैल को उनके पिता की मृत्य हो गई। तभी उन्होंने संकल्प लिया कि मां को कंधे पर बैठाकर तीर्थ कराएंगे। पूर्णिमा के दिन उन्होंने काशी यात्रा को चुना। हर पूर्णिमा को मां को वो किसी न किसी धार्मिक स्थान पर ले जाएंगे और मंदिर में दर्शन कराएंगे।
लोगों को वो संदेश भी दे रहे है कि आप कुछ भी कर लीजिए मां बाप के सेवा के बिना जीवन अधूरा है। तीर्थ केवल मंदिरों और धामों में जाने से नहीं होता। बल्कि मां बाप की सेवा से बड़ा कोई तीर्थ नहीं है। बुजुर्ग मां बाप को जो घर से निकालते या कष्ट देते इससे बड़ा पाप कुछ नहीं होता।
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