इजरायली हमले में आईआरजीसी चीफ हुसैन सलामी की मौत
इजरायल ने ईरान के कई ठिकानों पर हमले किए हैं। उसने तेहरान में घुसकर बमबारी की और ईरान के कई मिलिट्री साइट्स, बैलिस्टिक मिसाइलों के ठिकानों समेत दर्जनों सैन्य टारगेट पर ताबड़तोड़ हमले किए। इजरायल ने कहा है कि उसने ईरान के परमाण बम परियोजना पर काम करने वाले वैज्ञानिकों पर भी हमला किया है।
इस बात की पुष्टि खुद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने की है। उन्होंने कहा कि आईएएफ ने ईरान के नतांज में न्यूक्लियर प्लांट, परमाणु वैज्ञानिक और बैलिस्टिक मिसाइल फैसिलिटी पर हमला किया। हमले के बाद उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने ये भी कहा है कि जब तक आवश्यकता महसूस होगी, ऑपरेशन राइजिंग लॉयन चलता रहेगा। नेतन्याहू कहते हैं कि अगर अभी भी हम कार्रवाई नहीं करत हैं तो अगली पीढ़ी नहीं आएगी।
इस बीच इजरायल में ईरानी पलटवार की आशंका के चलते राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया गया है। देश के रक्षा मंत्री कैट्ज का कहना है कि घरेलू मोर्चे पर इस आपातकाल की स्थिति को लागू करने के लिए हस्ताक्षर कर दिए हैं। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, इस्फहान प्रांत के नतांज में ईरान की परमाणु साइट हैं, जहां हमले के बाद विस्फोट सुने गए हैं। इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि हमले का फर्स्ट फेज पूरा हो गया है।
इजरायल ने हमले कैलकुलेटेड अटैक किए। इस हमले में उसने ईरानी रिवोल्युशनरी गार्ड के कमांडर हुसैन सलामी को भी ढेर कर दिया है। इसकी पुष्टि भी खुद ईरानी मीडिया ने की है। हुसैन सलामी के अलावा हमले में सैन्य प्रमुख मोहम्मद बाघेरी, शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ ही कई सीनियर परमाणु वैज्ञानिक भी शामिल हैं।
इजरायली हमले के बाद ईरान भड़क गया है। ईरानी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अबोलफजल शेकरची ने सरकारी टीवी से कहा कि ईरानी परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमलों के बाद इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका को “भारी कीमत” चुकानी पड़ेगी।
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