गुजरात

Ahmedabad Plane Crash : क्रंदन के बीच उम्मीद बने RSS स्वयंसेवक

AI-171 विमान हादसे में RSS स्वयंसेवक ने निभा रहे सेवा का संकल्प। राहत, रक्तदान, भोजन, ट्रैफिक नियंत्रण तक हर मोर्चे पर नजर आ रहे स्वयंसेवक

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SHIVAM DIXIT

कर्णावती (अहमदाबाद) । गुजरात के कर्णावती में गुरुवार को एयर इंडिया की लंदन जाने वाली फ्लाइट AI-171 के भयावह हादसे ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया। अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद यह विमान रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में अब तक 265 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों का इलाज शहर के विभिन्न अस्पतालों में जारी है।

जहां एक ओर हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवकों ने संकट की इस घड़ी में तुरंत मोर्चा संभाल लिया। दुर्घटना के बाद संघ के स्वयंसेवक सबसे पहले मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए।

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स्वयंसेवकों की भूमिका

प्रशासन के साथ मिलकर कार्य : कई स्वयंसेवकों ने पुलिस एवं प्रशासन के साथ मिलकर घायलों को अस्पताल पहुंचाने में सहायता की।

अस्पतालों में सेवा कार्य : स्वयंसेवकों ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों और उनके परिजनों की मदद की। घायलों को रक्तदान और तात्कालिक चिकित्सा सहायता दिलाने में भी उन्होंने सक्रिय भागीदारी निभाई।

खाद्य एवं जल की व्यवस्था : संघ कार्यकर्ताओं ने मौके पर जरूरतमंद लोगों और परिजनों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की।

भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक प्रबंधन : दुर्घटना स्थल और अस्पतालों के बाहर जुटी भीड़ को नियंत्रित करने में भी स्वयंसेवकों ने अहम योगदान दिया। शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में भी वे पुलिस के साथ सहयोग करते नजर आए।

ग्रीन कॉरिडोर व्यवस्था : घायलों को तेजी से अस्पताल पहुंचाने के लिए बनाए गए ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था में भी स्वयंसेवकों की भूमिका सराहनीय रही।

सेवा का संकल्प

घटना के बाद देर रात तक स्वयंसेवक अस्पतालों के बाहर और राहत केंद्रों पर अपनी सेवाएं देते रहे। भीड़ को संयमित करने से लेकर आपातकालीन व्यवस्थाओं को संभालने तक, हर मोर्चे पर संघ के कार्यकर्ता डटे रहे।

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गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक आपदा या विपत्ति के समय हमेशा सबसे पहले सेवा कार्यों में सामने आते रहे हैं। चाहे बाढ़ हो, भूकंप हो या युद्ध की स्थिति—संघ के स्वयंसेवक हर बार सेना और आपदा प्रबंधन बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवा कार्यों में शामिल रहे हैं। संकट के समय संघ के स्वयंसेवक नि:स्वार्थ भाव से देश सेवा के लिए तत्पर रहते हैं।

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