चंडीगढ़। पादरी बजिंदर सिंह को बलात्कार के मामले में उम्रकैद हो चुकी है परन्तु शायद उसके षड्यंत्र खत्म होने के नाम नहीं ले रहे हैं। बजिंदर को उम्रकैद की सजा कराने वाली महिला के पति पर हिमाचल के मंडी जिले के थाना बल्ह में दर्ज कवाया गया सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा फर्जी निकला है। दोनों के नाम से अदालत में फर्जी जमानत याचिका की साजिश रचने का भी भंडाफोड़ हुआ है।
गुरनाम सिंह मुख्य साजिशकर्ता
इस मामले में पंजाब के रूपनगर निवासी गुरनाम सिंह का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया है। गुरनाम सिंह रूपनगर में अधिवक्ता का मुंशी रह चुका है। उसने महिला और उसके पति की बलात्कार के किसी केस में जमानत याचिका से संबंधित दस्तावेज व याचिका तैयार करवाई और पूरी फाइल रूपनगर से सुंदरनगर (हिमाचल प्रदेश) भेजी। अपने दो परिचित लोगों को सुंदरनगर भेजकर वहां की अधिवक्ता को फाइल सौंपी और 25,000 रुपये फीस नकद दी। जब अधिवक्ता ने आरोपितों की व्यक्तिगत उपस्थिति की बात उठाई तो गुरनाम सिंह ने बहाना बनाया कि उनकी जान को खतरा है इसीलिए वे खुद नहीं आ सकते हैं। अधिवक्ता को यह भनक तक नहीं लगी कि दस्तावेज फर्जी हैं। एक जमानत याचिका छह जून को मंडी के न्यायालय ने खारिज कर दी थी। दूसरी याचिका पर 17 जून को सुनवाई निर्धारित है।
क्या महिला एक मोहरा थी
उधर, पुलिस की जांच में सामने आया कि 22 मई को महिला के पति पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला एक मोहरा थी, पर्दे के पीछे साजिश कोई और रच रहा था। महिला को यह कहानी गढ़ने के बदले मोटी रकम देने का वादा किया गया था। पुलिस जांच, सीसीटीवी व मोबाइल फोन लोकेशन से पता चला है कि आरोप लगाने वाली महिला 22 मई की रात 10.30 बजे एक गाड़ी में मोहाली से निकली थी। वह 23 मई की सुबह चार बजे बल्ह उपमंडल (हिमाचल प्रदेश) के एक होटल के पास देखी गई। 23 मई को दोपहर 12.30 बजे उसकी मोबाइल फोन लोकेशन कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर नयना देवी चौक के पास पाई गई यानी आठ घंटे बाद चंडीगढ़ लौट गई थी।
तथ्यों पर आधारित नहीं शिकायत
सभी साक्ष्य इस ओर संकेत करते हैं कि महिला द्वारा की गई शिकायत तथ्यों पर आधारित नहीं है। जिन पर आरोप लगाया गया वे कभी हिमाचल आए ही नहीं। दोनों 22 मई से सात जून तक अपने घर में थे। घर में लगे सीसीटीवी कैमरा की फुटेज, सुरक्षाकर्मियों व आसपास के लोगों से पूछताछ में यह बात स्पष्ट हुई है। 22 मई को महिला के पति ने एक प्रदर्शन में भाग लिया था। उसके साथ सुरक्षा कर्मी भी था जो उसे हाईकोर्ट के आदेश पर मिला है। पुलिस ने अब कथित आरोप लगाने वाली महिला को भी पूछताछ के लिए तलब करने का निर्णय लिया है।
इस बात की है आशंका
आशंका जताई जा रही है कि कथित तौर पर पादरी बजिंदर के इशारे पर उम्रकैद करवाने वाली महिला व उसके परिवार को परेशान किया जा रहा है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
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