भुवनेश्वर । पुरी को पूर्णत: तीर्थनगरी के रूप में विकसित करने की दिशा में ओडिशा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए श्रीजगन्नाथ मंदिर के 2 किलोमीटर दायरे में शराब और मांसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है । राज्य के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने यह जानकारी दी ।
मीडिया को इसकी जानकारी देते हुए श्री हरिचंदन ने बताया कि पुरी एक धार्मिक नगरी है और इसे एक आदर्श तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने की हमारी मंशा है। मंदिर के 2 किमी क्षेत्र में अब बार और शराब की दुकानें नहीं चलेंगी। साथ ही जहां रथ निकलता उस बड दांड मांसाहारी खाद्य स्टॉल हटाए जाएंगे।
हालांकि प्रतिबंध लागू करने की तिथि की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा ताकि व्यापारियों को कम से कम असुविधा हो।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित प्रतिबंध से फिलहाल दो शराब दुकानें और दो बार सीधे प्रभावित होंगी, जिन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किया जाएगा। इसके अलावा, 70 से अधिक मांसाहारी खाद्य विक्रेताओं और होटलों को भी स्थान खाली करना होगा।
श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन और गृह एवं शहरी विकास विभाग के सहयोग से बड़ा दांड क्षेत्र में भवनों की ऊंचाई और स्वरूप को एक समान बनाने की योजना भी चल रही है, ताकि मंदिर क्षेत्र की स्थापत्य विरासत और धार्मिक गरिमा बरकरार रह सके।
रथ यात्रा 2025 की तैयारियों को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक
भगवान श्रीजगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा 27 जून को प्रस्तावित है। इसी के मद्देनज़र पुरी में सोमवार को पौर सदन में एक अहम समन्वय बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने की। इस दौरान शहरी विकास मंत्री कृष्ण चंद्र महापात्र, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मुकेश महालिंग, परिवहन मंत्री बिभूति भूषण जेना और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मंत्री हरिचंदन ने जानकारी दी कि अब तक लगभग 80% कार्य पूरे हो चुके हैं, और शेष काम समय पर पूरे हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ स्वयं रथयात्रा का संचालन करते हैं, हम सब तो केवल सहयोगी हैं।
बैठक में सड़क मरम्मत, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवाएं, सुरक्षा, परिवहन, भीड़ नियंत्रण और रेलवे समन्वय जैसे अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई। रथ निर्माण की प्रगति की भी समीक्षा की गई और बताया गया कि कार्य तय समय पर पूरा हो रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मंत्री डॉ. महालिंग ने बताया कि रथ यात्रा के दौरान 300 डॉक्टरों की तैनाती, अस्थायी बर्न यूनिट्स और आईसीयू बेड्स की व्यवस्था की जाएगी। इसके अतिरिक्त, स्थानीय अस्पतालों में 15 स्थायी आईसीयू बेड्स पहले से स्थापित कर दिए जाएंगे।
कोविड-19 को लेकर किसी विशेष अलर्ट की स्थिति नहीं है, लेकिन सरकार सावधानी के सभी उपाय सुनिश्चित करेगी और जनजागरूकता अभियान भी चलाएगी।
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