भारत के आतंकवाद विरोधी आपरेशन सिंदूर में पिटे जिन्ना के देश के नेता और फौजी कमांडर अपनी अवाम में और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर झूठ फैलाने में जुटे हैं कि उन्होंने ‘पड़ोसी भारत को युद्ध में परास्त कर दिया, उसे गंभीर चोट पहुंचाई’ आदि आदि। इस झूठ के साथ वे कांग्रेसी नेता राहुल गांधी के झूठे बयानों का सहारा लेते हैं। राहुल भारत को हर मौके पर नीचा दिखाने को उतावले रहते ही हैं। इसलिए उनकी बातें पाकिस्तानियों के लिए खाद का काम करती हैं और वह यह जानते हुए भी कुछ भी अनाप—शनाप बोले चले जाते हैं। यही झूठ फैलाने और फर्जीवाड़ा करने ईद के मौके पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर नियंत्रण रेखा के आस—पास की अग्रिम चौकियों का दौरा किया है। इस दौरान उन्होंने अपने फौजियों से बातचीत करते हुए ‘भारत के विरुद्ध दिखाई बहादुरी’ की तारीफें कीं। मुनीर ने फौजियों की ‘तैयारियों, तत्परता और हौसले’ की सराहना की। सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने कहा कि मुनीर का वह दौरा ईद-उल-अजहा के मौके पर फौजियों के साथ वक्त बिताने को लेकर था।
यहां यह ध्यान रहे कि जनरल मुनीर की अपने फौजियों में बड़ी खराब छवि है। अंदर के सूत्र बताते हैं कि कुछ बड़े फौजी कमांडरों से मुनीर का छत्तीस का आंकड़ा है। जवान मुनीर को पींठ पीछे गालियां देते हैं। फौज में यह बात आम है कि मुनीर ने फौजी संसाधनों और पैसों की खूब लूट की है और अरबपति बने बैठे हैं। बहरहाल, ईद पर पूरी बेशर्मी लादकर जनरल मुनीर को सीमा चौकियों पर जाने का मकसद सिर्फ जवानों से मिलना नहीं हो सकता। कुछ रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की चोट से डरे बैठे मुनीर यह देखने एलओसी गए होंगे कि अगर भारत ने हमला बोला तो वहां पाकिस्तान की खाल भी बच पाएगी कि नहीं!

मुनीर यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर में चल रहे 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। अपने जिहादी आकाओं के ठिकानों पर हुए भारत के हमले से बौखलाकर जिन्ना के देश की डरपोक फौज ने अगले तीन दिन तक भारतीय नागरिक क्षेत्रों पर ड्रोन से हमले किए लेकिन उसके तुर्किए के बने सारे ड्रोन हवा में ही ध्वस्त कर दिए गए। भारत ने इसके बाद कई पाकिस्तानी एयरबेस तबाह करके करारा जवाब दिया। पाकिस्तान फौरन घुटनों पर आया और भारत के सामने संघर्षविराम की दुहाई दी।
मोर्चे की चौकियों पर जाने के जनरल मुनीर के पैंतरे को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह दौरा सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए कम, भारत को संकेत देने के लिए ज्यादा किया गया था। वहीं, कुछ अन्य विशेषज्ञ मानते हैं कि संभवत: पाकिस्तान किसी नई रणनीति पर काम कर रहा हो। कश्मीर को लेकर उसकी टीस कभी खत्म नहीं होने वाली, इसलिए मुनीर उस मुद्दे को जिलाए रखने के लिए उकसावे की कार्रवाई करते रहने वाले हैं।
जिन्ना के देश की फौज और नेता दुष्प्रचार के सबसे बड़े प्रसारक माने जाते हैं। इसलिए तथ्यों को तोड़-मरोड़कर वह अपनी अवाम में यह जताने की कोशिश करते रहने वाले हैं कि उन्होंने भारत को ‘हर बार परास्त’ किया है। ऐसे में विश्लेषकों की नजर पाकिस्तान की सैन्य और कूटनीतिक गतिविधियों की दिशा पकड़ने पर रहने वाली है।
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