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रूसी हमले का खौफ! जर्मनी ने शुरू की युद्ध की तैयारी, बम रोधी शेल्टर नेटवर्क की शुरुआत

जर्मनी ने रूस के बढ़ते खतरे के बीच बम रोधी शेल्टर नेटवर्क बनाना शुरू किया। वरिष्ठ अधिकारी ने चेतावनी दी कि देश को अगले चार साल में युद्ध के लिए तैयार होना होगा।

Published by
Kuldeep Singh

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की आग यूरोप को भी जलाने के लिए तैयार है। जब से यूक्रेन ने रूस के अंदर तक ड्रोन हमले किए हैं। उसके बाद से रूस के निशाने पर न केवल यूक्रेन, बल्कि यूरोपीय देश भी अब निशाने पर हैं। इसी को देखते हुए अब जर्मनी ने देश में बम रोधी शेल्टर का नेटवर्क बनाना शुरू कर दिया है। जर्मनी के वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा अधिकारी ने चेतावनी जारी की है कि देश को अगले चार साल के अंदर रूस से होने वाले हमले के लिए तैयार होना होगा।

द गॉर्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मन संघीय सुरक्षा और आपदा सहायता कार्यालय (BBK) के प्रमुख राल्फ टिस्लर का कहना है कि हमें इस बात को समझने की आवश्यकता है कि अभी वर्तमान हालात को देखें तो जर्मनी युद्ध के लिए तैयार नहीं है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि देश में अब तक ये धारणा थी कि युद्ध एक ऐसी आवश्यकता नहीं है, जिसके लिए हमें तैयार होने की आवश्यकता है। लेकिन, अब हालात बदल गए हैं। हम सभी एक बड़े युद्ध के मुहाने पर आकर खड़े हो गए हैं।

जर्मन अधिकारी ने सरकार से आह्वान किया कि उन्हें देश में बनी सुरंगों, मेट्रो स्टेशनों अंडर ग्राउंड गैरेजों और सार्वजनिक भवनों में बने तहखानों को चिन्हित करके उन्हें शेल्टर में बदलने की कोशिश करनी चाहिए। उनका कहना था कि इसे एक राष्ट्रीय प्रयास बनाना चाहिए, ताकि कम से कम एक मिलियन लोगों क लिए जल्दी से जल्दी जगह बनाई जा सके। अधिकारी ने सुदेउत्शे ज़ितुंग समाचार आउटलेट से बात करते हुए पुष्टि की कि इसी गर्मी में उनका विभाग इसको लेकर एक व्यापक योजना पेश करेगा।

मौजूदा बंकर अपर्याप्त

जर्मन अधिकारी ने इस बात को भी माना कि देश में इस वक्त जितने भी शेल्टर या बंकर हैं, वे अपर्याप्त हैं। टिस्लर का कहना है कि ऐसे आश्रयों की योजना बनाने और बंकरों के निर्माण में काफी समय और खर्च भी लगने वाला है। इसीलिए हमें पहले से मौजूद सुविधाओं और अधिक पुख्ता करने की आवश्यकता है।

अधिकारी के अनुसार, इस वक्त जर्मनी में शीत युद्ध के बाद बचे करीब 2000 बंकरों और सुरक्षा कक्षों में से केवल 580 ही वर्किंग स्थिति में हैं। इनमें से अधिकतर के पुनर्निर्माण में कई मिलियन यूरो के खर्च की आवश्यकता होगी। इतने में तो केवल 4,80,000 लोगों को ही शरण दी जा सकेगी, जो कि कुल जर्मन आबादी का आधा प्रतिशत ही है। बीबीके के अनुसार, फिनलैंड में इस प्रकार के 50,000 सुरक्षा कक्ष हैं, जो कि 4.8 मिलियन लोगों या इसकी 85 फीसदी आबादी के लिए जगह के बराबर है।

डरा हुआ है जर्मनी

गौरतलब है कि रूस द्वारा यूक्रेन पर लगातार हमले तेज करने के बाद बाल्टिक देशों के साथ ही पोलैंड औऱ जर्मनी की भी हालत खराब हो गई है। जर्मनी को डर सता रहा है कि रूस युद्ध के नए मोर्चे खोल सकता है। टिस्लर ने अनुमान लगाया कि नागरिक सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अगले चार वर्षों में कम से कम €10bn (£8.4bn) और अगले दशक में कम से कम €30bn की आवश्यकता होगी।

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