केरल । कोझिकोड में मंदिर पर हमले की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। 7 जून की सुबह करीब 6 बजे एक व्यक्ति नावास (उम्र लगभग 35 वर्ष) ने कोझिकोड के मराड इलाके में स्थित मराड अयप्पा भजन मठ, एक छोटे से मंदिर, पर हमला किया। वह मंदिर में घुस गया और वहां की सभी धार्मिक वस्तुओं को फेंक दिया। सबसे पहले उसने तुलसीथारा, जो कि तुलसी का पौधा उगाने के लिए बना एक ऊंचा चबूतरा होता है और केरल के मंदिरों व हिंदू घरों की एक विशेषता है, को नष्ट कर दिया। फिर उसने पारंपरिक दीपकों को फेंका और श्री अयप्पा की मूर्ति को तोड़ दिया।
जब 80 वर्षीय पुजारी श्रीनिवासन ने हमलावर को रोकने की कोशिश की, तो नावास ने पुजारी की चलने की छड़ी छीन ली और उसी से उन्हें बेरहमी से पीटा। इस हमले में पुजारी का पैर टूट गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
श्रीनिवासन की चीख सुनकर श्रद्धालु और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और नावास को रोकने की कोशिश की। इसके बाद नावास वहां से भाग निकला और पास के मराड चोट्टानिक्करा मंदिर में घुसने की कोशिश की। उसने मंदिर का फाटक तोड़ दिया, जिससे यह स्पष्ट था कि वह वही हमला दोहराना चाहता था। इस बीच पुलिस मौके पर पहुंच गई। स्थानीय लोगों और पुलिस ने मिलकर उसे काबू में किया। झड़प के दौरान नावास जोर-जोर से चिल्ला रहा था और पुलिस को ललकार रहा था। वह खुद को मोहिउद्दीन का अनुयायी बता रहा था। वह पुलिस को एक-एक कर लड़ने की चुनौती दे रहा था और ऊंची आवाज में धमकी दे रहा था कि वह उन्हें सबक सिखाएगा जिन्होंने उसे पकड़ा।
उसके पास एक बैग था, जिसमें अरबी भाषा की एक हरे रंग की किताब थी।
शुरुआत में पुलिस ने संदेह जताया कि नावास मानसिक रूप से अस्वस्थ हो सकता है। केरल में हिंदू मंदिरों और नेताओं पर हमले के मामलों में यह पुलिस की आम प्रतिक्रिया रही है। बाद में पुलिस ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सभी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भाग लिया, जिनमें प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की राजनीतिक शाखा SDPI भी शामिल थी। बैठक के बाद डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) ने बताया कि यह निश्चित नहीं है कि नावास मानसिक रूप से बीमार है।
मराड, कोझिकोड का एक तटीय गांव है। यह गांव 2003 में एक कुख्यात घटना के कारण सुर्खियों में आया था, जब 2 मई 2003 को इस्लामिक आतंकवादियों ने समुद्र से लौटे आठ हिंदू मछुआरों की नृशंस हत्या कर दी थी। ये सभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवक थे। बताया जा रहा है कि नावास उन आरोपियों में से एक का करीबी रिश्तेदार है।
भाजपा कोझिकोड जिला अध्यक्ष एडवोकेट प्रकाशबाबू ने मीडिया से कहा कि चूंकि यह घटना बकरीद के दिन हुई है, इसलिए यह और भी परेशान करने वाली है और संभव नहीं लगता कि नावास ने यह कट्टरपंथी कृत्य किसी बाहरी समर्थन के बिना किया हो।
यह घटना उस चेतावनी को सत्य साबित करती है कि इस्लामिक कट्टरपंथी शक्तियां लगातार मजबूत हो रही हैं और यह बहुसंख्यक समुदाय तथा देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। राष्ट्रवादी विचारधारा से जुड़े लोगों का मानना है कि अब समय आ गया है जब सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) और विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) अल्पसंख्यक तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति से पीछे हटें।
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