कर्नाटक

चिन्नास्वामी स्टेडियम की घटना पर उठे गंभीर सवाल..?

बेंगलुरु की भगदड़ में 11 की मौत, आयोजन की लापरवाही और सत्ता संघर्ष के गंभीर सवाल खड़े। ऐसा भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के आपसी अनबन के कारण यह घटना हुई है।

Published by
अभय कुमार

कल कर्नाटक के बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम में 11 लोगों की मृत्यु भगदड़ के कारण हुई है। यह घटना ना सिर्फ कर्नाटक राज्य के लिए अपितु पूरे देश के लिए एक बहुत ही दुखद घटना है। इस घटना के पीछे कुछ गंभीर सवाल हैं। क्या वह मात्र एक दुर्घटना थी या स्वनिर्मित दुर्घटना? कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान कि ऐसी घटनाएं अन्य जगहों पर भी होती रहती हैं, यह काफी दुर्भाग्यजनक है।

ऐसा भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के आपसी अनबन के कारण यह घटना हुई है। उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार यह कह रहे हैं कि चिन्नास्वामी स्टेडियम की क्षमता मात्र 35,000 है और 3 लाख लोग वहां मौजूद थे। स्टेडियम की क्षमता महज 35,000 थी मगर 60,000 टिकट बेचे गए थे। यह मामला और भी गंभीर बना देता है। आखिर यह कैसे हुआ?

इस विजय जुलूस के लिए पुलिस ने कोई अनुमति नहीं दी थी। उसके बावजूद यह विजय जुलूस कराई गई। आखिर इसका कौन जिम्मेदार है? इस विजय जुलूस के लिए क्यों पुलिस और समारोह व्यवस्थापक के बीच समन्वय नहीं हुआ? इस प्रकार के कार्यक्रम जब भी होते हैं, तो लाखों लोगों के जुटने की संभावना होती है। जहां लाखों लोग शामिल होते हैं, स्वाभाविक है कि एक समन्वय बैठक पुलिस और इवेंट व्यवस्थापक के बीच होनी चाहिए। पुलिस की टीम, चिकित्सा आपातकाल और अन्य टीमों के बीच आपसी तालमेल और समन्वय अवश्य होनी चाहिए।

सबसे दुखदायी बात तब हुई जब लोग मर रहे थे और वहां पर जश्न मनाया जा रहा था। लोगों के मरने पर भी पहली बार देश में उत्सव हुआ है। लोग अभी भी घायल हैं और बहुत लोग गंभीर हैं, उसके बावजूद समारोह जारी रहा। बीसीसीआई और आईपीएल के अध्यक्ष धूमल ने कहा कि हमें इस आयोजन के बारे में कुछ पता नहीं है।

पूर्व में भी कई विजयी टीमों ने अपना विजय मार्च निकाला, मगर वो एक समय के बाद, जिससे कि सारा आयोजन सुनिश्चित हो जाए और आम जनता को कोई समस्या न हो। ऐसे खुशी के मौकों पर विजय मार्च उसी दिन नहीं होता है बल्कि तीन-चार दिनों के बाद ही होता है, क्योंकि इन तीन-चार दिनों में आयोजकों द्वारा यह अनुमान लगाया जाता है कि कितने लाख लोग इस मार्च में भागीदार बनेंगे।

क्रिकेट भारत में अत्यधिक लोकप्रिय है, तो स्वाभाविक रूप से पूरी तैयारी के साथ इस तरह के आयोजन किए जाते हैं। लेकिन कर्नाटक में सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार को फोटो करवाने के लिए कुछ घंटों में पूरा का पूरा आयोजन करवा लिया गया। इस समारोह का नतीजा रहा कि 11 लोगों की मृत्यु और 50 से अधिक लोग आज गंभीर रूप से घायल हैं।

वहीं अभिनेता अल्लू अर्जुन के कार्यक्रम में भी भगदड़ हुआ था और उनको गिरफ्तार किया गया था। क्या अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी जिस कर्नाटक सरकार ने कराई थी, उसी आधार पर सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार को भी गिरफ्तार किया जाएगा?

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