आज 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर रामेश्वर महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.) की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसकी शुरुआत में प्राचार्य प्रो.ब्रह्मचारी व्यासनन्दन शास्त्री, समागत अतिथियों, शिक्षकों तथा एन. एस. एस. के छात्र— -छात्राओं द्वारा नीम,आंवला,तुलसी, पपीता, पथलचूर आदि के दो दर्जन से अधिक छायादार, फलदार व औषधीय पौधे परिसर में लगाए गए। तत्पश्चात् महाविद्यालय के किशोरी सिन्हा सभागार में प्राचार्य प्रो.ब्रह्मचारी व्यासनन्दन शास्त्री की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी आयोजित हुई। सामूहिक दीप प्रज्ज्वलन व वेद मंत्रोच्चार से प्रारम्भ हुई संगोष्ठी में प्राचार्य ने सर्वप्रथम समागत सभी अतिथियों को पौधायुक्त गमला भेंट कर सम्मानित किया। अपने उद्बोधन में प्राचार्य ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए महाविद्यालय में पौधारोपण कार्यक्रम बीच-बीच में होते रहते हैं तथा एक पौधा मां के नाम सबको अवश्य लगाना चाहिए। मुख्य अतिथि सिटी एस. पी. विश्वजीत दयाल ने कहा कि पर्यावरण के अंतर्गत मिट्टी,जीव, पानी और हवा ये चार तत्व आते हैं, इनके संरक्षण के लिए पर्यावरण दिवस वर्ष में एक दिन नहीं, बल्कि यह दिवस हमें हर दिन मनाना होगा। पर्यावरण प्रदूषण के कारण ये चारों प्रदूषित हो रहे हैं। फलत : सामाजिक और मानसिक अपराध बढ़ रहे हैं। इसके पीछे हमारी बढ़ती हुई जनसंख्या और हर हाथ में डिजिटल मोबाइल इसका बड़ा कारण है। इसके विरुद्ध सामूहिक प्रयास और जागरूकता आवश्यक है।
विशिष्ट अतिथि पी. जी. बॉटनी की पूर्व अध्यक्ष व लाइनेस क्लब की संस्थापिका डॉ. प्रियंवदा दास ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण का खतरा संपूर्ण जीव जगत को है। ध्वनि प्रदूषण के निवारण के लिए लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगना चाहिए। एसोसिएशन ऑफ हेल्पिंग हैंड्स (ए. एच. एच.) के अध्यक्ष प्रो. श्रीप्रकाश ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए पौधारोपण के साथ-साथ उनके संरक्षण पर भी विशेष ध्यान देना होगा।
कार्यक्रम में लाइनेस क्लब की अध्यक्षा मीना सिंघानिया, सचिव किरण अग्रवाल, पूर्व कल्याण उप निदेशक झारखंड डॉ.विनय कुमार, परशुराम सिंह, वासुदेव, मुक्तिधाम अप्पन विद्यालय के संचालन सुमित पाण्डेय,अजय पाण्डेय ने भी अपने विचार रखे।
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