भुवनेश्वर: ओडिशा के पुलिस महानिदेशक वाई. बी. खुरानिया ने कहा कि राज्य के सुंदरगढ़ जिले में लगभग 5 टन विस्फोटकों की लूट में माओवादियों का हाथ था। इसमें से करीब 3.8 टन विस्फोटक एक संयुक्त अभियान के तहत बरामद कर लिए गए हैं। 27 मई को के. बलांग थाना क्षेत्र के अंतर्गत बांको स्टोन क्वारी के पास, माओवादियों ने एक ट्रक को रोका जो लाइसेंसी वाणिज्यिक विस्फोटक लेकर जा रहा था।
विस्फोटकों की बरामदगी के लिए चलाये गये इस अभियान में ओडिशा और झारखंड पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (और अन्य विशिष्ट इकाइयों की सक्रिय भागीदारी रही। भुवनेश्वर स्थित डीजीपी कैंप कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खुरानिया ने कहा, कि करीब 75% लूटे गए विस्फोटक बरामद किए जा चुके हैं। यह संयुक्त अभियान अभी जारी है और हमारा लक्ष्य पूर्ण बरामदगी है। घटना के बाद ओडिशा पुलिस ने एक विशेष जांच टीम गठित की और एसओजी, सीआरपीएफ तथा कोबरा यूनिट के सहयोग से तलाशी अभियान तेज कर दिया। इस दौरान बदगाँव स्थित विस्फोटक गोदाम के मालिक श्रवण अग्रवाल और एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया।
डीजीपी ने बताया कि एक पेट्रोल पंप के पास लावारिस वाहन की जानकारी मिली, तलाशी के दौरान विस्फोटक बरामद हुए और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। डीजीपी ने मानक संचालन प्रक्रिया के उल्लंघन की बात भी स्वीकार की। उन्होंने कहा, “विस्फोटकों की आवाजाही की पूर्व सूचना नहीं दी गई थी, जो एसओपी का उल्लंघन है। सभी बरामद विस्फोटकों को सुरक्षित रखा गया है।
उन्होंने कहा कि इस घटना ने सुरक्षा मानकों की समीक्षा की आवश्यकता को उजागर किया है। माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में विस्फोटकों के भंडारण और परिवहन को लेकर एसओपी की समीक्षा और व्यापारिक संस्थानों की जांच की जा रही है। हालांकि इस गंभीर घटना के बावजूद, ओडिशा पुलिस ने केंद्र सरकार के सुरक्षा व्यय योजना में सुंदरगढ़ को फिर से शामिल करने की सिफारिश करने से इनकार किया है, क्योंकि इसे पहले ही वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की सूची से हटा दिया गया था। डीजीपी ने राज्य में माओवादी गतिविधियों में भारी गिरावट की बात कहते हुए भरोसा जताया कि ओडिशा पुलिस केंद्र के “मार्च 2026 तक माओवाद मुक्त भारत” के लक्ष्य में पूर्ण योगदान देगी।
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