भुवनेश्वर। एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए, ओडिशा के बरगढ़ जिले की डिस्ट्रिक्ट वॉलेंटरी फोर्स ने सोमवार को दुर्गेखोल क्षेत्र के मरजादापाली गांव के पास गंधमार्दन रिजर्व फॉरेस्ट से माओवादियों का एक बड़ा हथियारों का जखीरा बरामद किया।
खुफिया जानकारी के आधार पर, डिस्ट्रिक्ट वल्युंटरी फोर्स (डीवीएफ) की टीम ने एक ऑपरेशन चलाया और इस दौरान विस्फोटक डेटोनेटर, चार्जर, माओवादी वर्दी, कपड़े, टिफिन बॉक्स, छाते, पानी के जार और रेडियो सेट सहित कई आपत्तिजनक वस्तुएं जब्त कीं। यह अभियान इलाके में माओवादी गतिविधियों को रोकने के लिए जारी प्रयासों का हिस्सा था।
बरगढ़ के पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद सहाय मीणा ने सोमवार शाम को पत्रकारों को बताया, “पिछले साल यहां दो माओवादी कैडर ने आत्मसमर्पण किया था। तब से हम नियमित ऑपरेशन और पूछताछ कर रहे हैं। 30 और 31 मई की रात को मरजादापाली गांव में एक लक्षित अभियान चलाया गया, जिसके तहत यह बड़ा जखीरा बरामद हुआ।”
उन्होंने आगे बताया कि इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए हमारी प्रतिबद्धता मजबूत है और हम आगे भी नियमित अभियान जारी रखेंगे। जब्त की गई सामग्री में डेटोनेटर, डेटोनेटर केस, जिलेटिन स्टिक जैसे विस्फोटक, आईईडी, वॉकी-टॉकी, चार्जर, मोबाइल चार्जर, दो बंडल बिजली के तार आदि शामिल हैं।
इसके अलावा मच्छर भगाने वाली कॉइल, पीठ पर लटकाने वाले झोले, तिरपाल, छाते, रेडियो सेट, पानी के डिब्बे, टिफिन बॉक्स, प्रेशर कुकर, टॉर्च लाइट, पेंसिल बैटरी, स्ट्रेचेबल रस्सी जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद की गई हैं। बरामद सामग्री में बड़ी संख्या में माओवादी प्रचार पुस्तिकाएं, पर्चे, बैनर बनाने वाली लाल स्याही, तेल, साबुन, पाउडर, शेविंग किट, वॉशिंग पाउडर, शैम्पू, सिलाई धागा, बर्तन धोने वाला स्क्रबर जैसे ग्रॉसरी और दैनिक जरूरत की चीजें भी पाई गई हैं।
इसके अलावा भारी मात्रा में दवाइयां और खाद्य सामग्री मिलने से पुलिस को शक है कि वहां कई माओवादी छिपे हुए थे, और संभवतः कुछ माओवादी बीमारी से पीड़ित भी हो सकते हैं। एसपी श्री मीणा ने बताया कि राज्य के पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर बलांगीर और बरगढ़ दोनों जिलों में माओवादियों के खिलाफ अभियान जारी है, वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस भी महासमुंद क्षेत्र में समान रूप से अभियान चला रही है। इसलिए माओवादी कहीं भाग नहीं सकते। उन्होंने माओवादियों से अपील की कि वे और देरी न करते हुए ओडिशा सरकार के सामने आत्मसमर्पण करें और समाज की मुख्यधारा में लौटें।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बरगढ़ टाउन थाना प्रभारी सत्यजीत कंडेल, सब इंस्पेक्टर मंगला किस्कू समेत सर्च ऑपरेशन में शामिल अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे। यह ज्ञात हो कि बरगढ़ जिले के पाईकमाल और झारबंध क्षेत्र से लगे गंधमर्दन पर्वत में पिछले 16 वर्षों से माओवादी गतिविधियाँ चल रही थीं। पुलिस की गोलीबारी में कई माओवादी मारे गए हैं, जबकि माओवादियों ने पुलिस मुखबिर होने के संदेह में कई निर्दोष लोगों को ‘जन अदालत’ लगाकर हत्या की है।
सरकार द्वारा माओवादियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने के बाद कई माओवादियों ने आत्मसमर्पण भी किया है। छत्तीसगढ़ में पुलिस की लगातार कार्रवाई के कारण माओवादी अपना अड्डा छोड़कर ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के जंगलों और गंधमर्दन पर्वत की ओर बढ़ते जा रहे हैं, ऐसी जानकारी खुफिया विभाग ने दी है। गंधमर्दन एक विशाल जंगल क्षेत्र होने के कारण बरगढ़ और बलांगीर दोनों ओर से डीवीएफ और एसओजी जवान घेराबंदी जारी रखे हुए हैं।
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