पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया को समझाने और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब करने के लिए बहुदलीय प्रतिनिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सिंधु जल समझौते पर बड़ी बात कही है। उन्होंने सिंधु जल संधि को रोकने के भारत सरकार के फैसले का बचाव किया और कहा कि भारत केवल अपने आत्मरक्षा के अधिकारों का प्रयोग कर रहा है।
अब केवल सद्भावना के आधार पर काम नहीं कर सकते
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कोलंबिया के बागोटा में मल्टी पार्टी डेलीगेशन का नेतृत्व करते हुए ने कहा कि सद्भावना और सौहार्द की भावना से 1960 के दशक की शुरुआत में पाकिस्तान को सिंधु जल संधि की पेशकश की थी। लेकिन, आतंकवाद के जरिए पाकिस्तान ने बार-बार उस सद्भावना को धोखा दिया। अब तो केवल भारत अपने आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि दशकों से भारत पर आतंकी हमलों और संघर्षों के बाद भी ये संधि चालू रही, लेकिन वर्तमान सरकार ने अब इसे स्थगित कर दिया है। इसका अर्थ ये है कि ये प्रभावी रूप से निलंबित है।
जहां तक संधि के संचालन की बात की जाए तो हम एक उदार पड़ोसी रहे हैं। हम सिंधु नदी के ऊपरी तटवर्ती राज्य हैं। पूरी उदारता के साथ हमने पाकिस्तान को वो पानी दिया, जिसका वो हकदार था। यहां तक कि हमने संधि के तहत अपने हक वाले पानी तक का इस्तेमाल नहीं किया। लेकिन, अब ये स्पष्ट हो चुका है कि सद्भावना के आधार पर एकतरफा काम करने का समय अब खत्म हो चुका है।
आतंकवाद पर भारत के दृढ़ रुख को दोहराया
शशि थरूर ने कोलंबिया की सरकार के समक्ष आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि देश ने तय कर लिया है कि पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को दंडित किए बिना नहीं छोड़ना है। इसीलिए ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ढांचों पर हमले शुरू किए गए हैं। थरूर ने पाकिस्तान की मिलीभगत को सामने रखते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वहां (पाकिस्तान) प्रतिबंधित लिस्ट में शामिल आतंकियों में से एक का सुप्रचारित अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और पुलिस कर्मी भी शामिल हुए थे।
कोलंबियाई सरकार को भी दिखाया आईना
इस दौरान शशि थरूर ने कोलंबिया की सरकार को आईना दिखाते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटकता दिखाने की जगह आपने पाकिस्तान में हुए नुकसान पर संवेदना जाहिए कि। हम कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया से थोड़े निराश हैं।
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