अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाए जाने पर कोर्ट की रोक के बाद उन्हें बड़ी राहत भी मिल गई है। अमेरिका की ही एक अपीलय अदालत ने अपील की सुनवाई पूरी होने तक व्यापार अदालत के फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी है। अगर यहां से भी ट्रंप केस को हार जाते हैं तो उनके पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प होगा।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि न्यूयॉर्क स्थित अंतरराष्ट्रीय व्यापार अदालत के तीन जजों की बेंच ने ट्रंप द्वारा आयात पर भारी टैरिफ लगाए जाने को अवैध करार दिया था। इसके बाद तुरंत ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले के खिलाफ अपील अदालत में अपील की। उसी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन को ये छूट प्रदान की।
व्हाइट हाउस बोला-न्यायिक शक्ति का दुरुपयोग
इस बीच व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने व्यापार अदालत के द्वारा दिए गए फैसले को अवैध बताते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रपति ट्रंप के अधिकारों को हड़पने के लिए जजों ने बेशर्मी के साथ अपनी न्यायिक शक्तियों का इस्तेमाल किया है। लेविट का कहना है कि कानूनी अतिक्रमण का उदाहरण है। इस पर सुप्रीम कोर्ट को लगाम लगानी चाहिए।
क्या था कोर्ट का फैसला
डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा दुनिया के अधिकांश देशों पर टैरिफ लगाने के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायलय में कम से कम सात केस रजिस्टर किए गए थे। इसी मामले पर सुनवाई करते हुए न्यूयॉर्क स्थित कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने टिप्पणी की थी कि ट्रंप लगातार अपने अधिकारों की सीमा से बाहर जाकर फैसले ले रहे हैं। वो अमेरिकी व्यापार नीति को अपनी मर्जी से चला रहे हैं। कोर्ट ने 1977 से अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम का जिक्र किया और कहा कि ट्रंप के द्वारा वैश्विक स्तर पर लगाया जा रहा टैरिफ प्रतिशोध की भावना से लगाया जा रहा है।
ये IEEPA द्वारा राष्ट्रपति को दिए गए किसी भी अधिकार से अधिक है। उल्लेखनीय है कि आपातकालीन शक्ति कानून को लागू करने के लिए नियम ये है कि राष्ट्रपति को भी सबसे पहले देश की कांग्रेस से मंजूरी लेनी होती है। लेकिन ट्रंप ने ऐसा नहीं किया।
क्या कहते हैं ट्रंप
वहीं दुनियाभर के देशों पर मनमाने तरीके से टैरिफ ठोंकने के अपने फैसले का बचाव करते हुए ट्रंप कहता हैं कि मेरे पास कार्रवाई करने की शक्ति है, क्योंकि देश का व्यापार घाटा बढ़ रहा है औऱ ये राष्ट्रीय आपातकाल के बराबर है। वह कहते हैं कि हमने बीते 49 वर्षों तक दुनिया के बाकी देशों के साथ व्यापार घाटे को चलाया है। इसी को कम करने के लिए वह दूसरे देशों पर टैरिफ थोप रहे हैं।
टिप्पणियाँ