भुवनेश्वर । माओवादी विरोधी अभियान के तहत कोरापुट पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। दुर्दांत माओवादी नेता कुञ्जाम हिड़मा उर्फ मोहन को पुलिस ने एक मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया है। कोरापुट एसपी रोहित वर्मा ने वृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मोहन छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र का निवासी है और 2007 से वह माओवादी पार्टी में सक्रिय था।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने उसके पास से एक AK-47 राइफल, 35 राउंड गोलियां, 27 इलेक्ट्रिक और 90 नॉन-इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 2 किलो गन पाउडर, माओवादी साहित्य सहित कई आपराधिक सामग्री जब्त की है।
एसपी वर्मा के अनुसार, 28 मई 2025 की रात को वैपारीगुड़ा थाना क्षेत्र के पेतगुड़ा गांव के पास जंगल में माओवादियों की गतिविधियों होने के संबंध में पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी। इस जानकारी के आधार पर एसडीपीओ जयपुर पार्थ कश्यप के नेतृत्व में एक डीवीएफ टीम ने तलाशी अभियान शुरु किया। तलाशी अभियान शुरु होने के बाद माओवादियों ने पुलिस पर गोलीबारी कर वहां से भागने का प्रयास किया। जिसके जवाब में सुरक्षा बलों ने भी कार्रवाई की। इसी दौरान कुख्यात माओवादी कुञ्जाम हिड़मा पकड़ा गया जबकि अन्य माओवादी फरार हो गए।
हिड़मा पर ओडिशा और छत्तीसगढ़ में कई नक्सली घटनाओं में शामिल होने के आरोप हैं। वह 2021 में चांदमेटा, 2023 में कोलेनगड़वा, 2020 में कोण्डाझरि और 2021 में कुम्भिखड़ी की माओवादी घटनाओं में शामिल था। उस पर कोरापुट जिले में 4 और मलकानगिरी जिले में 3 मामले दर्ज हैं।
हिड़मा ने 2007 में सीपीआई (माओवादी) संगठन में प्रवेश किया था। पहले वह बाल संघम और जननाट्य मंडली से जुड़ा था। 2013-2015 के बीच उसूर एलओएस में सदस्य के रूप में काम किया। 2016 में वह आंध्र-ओडिशा बॉर्डर (AOB) प्लाटून से जुड़ा और 2019 में उसे ACM (एरिया कमांड मेंबर) बनाया गया। हाल ही में वह केरलापाल क्षेत्र में प्लाटून-26 में कार्यरत था और मई 2025 में AOB यूनिट में लौट आया था।
उसकी गिरफ्तारी माओवादी नेटवर्क के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है और इससे क्षेत्र में शांति बहाल करने में मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को रायगडा जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष कुख्यात माओवादी विजय पुनम उर्फ अजय ने आत्मसमर्पण कर दिया था। वह प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) की बीजीएन डिवीजन की घुमसर एरिया कमेटी का सदस्य था और उस पर ओडिशा सरकार ने ₹4 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। आत्मसमर्पण के दौरान विजय पुनम ने एक 9 मिमी पिस्तौल, आठ जिंदा कारतूस और एक वॉकी-टॉकी हैंडसेट पुलिस को सौंपा था।
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