नैनीताल । रामनगर के ग्राम गौजानी में कब्र खोदने को लेकर हिन्दू मुस्लिम पक्षों के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। मुस्लिम समुदाय द्वारा गांव के समीप एक मैदान में एक मृत व्यक्ति के दफन के लिए कब्र खोदने पर स्थानीय हिन्दू लोगों ने विरोध जताया।
जानकारी के अनुसार, एक मुस्लिम व्यक्ति की मृत्यु के बाद मुस्लिम समुदाय ने गांव की आबादी के पास ही कब्र खोद दी। जब तक शव को दफनाया जाता, उससे पहले ही गांव में हिंदू समुदाय में आक्रोश की स्थिति बन गई। शव दफनाने के विरोध में पूर्व भाजपा नगर अध्यक्ष मदन जोशी के नेतृत्व में कई कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और दफन की प्रक्रिया का विरोध करने लगे।
इस मामले की खबर जिला प्रशासन को हुई साथ ही राजधानी देहरादून से भी फोन घनघनाने लगे। डीएम वंदना सिंह के निर्देश पर एसडीएम प्रमोद कुमार एवं कोतवाल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर कब्र के पास से हटाया। एसडीएम ने निर्देश दिया कि कब्र किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर खोदी जाए।
घटना के बाद इलाके में तनाव को देखते हुए प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ-साथ सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जवानों की भी तैनाती कर दी है। मौके पर अब भी सुरक्षाबल तैनात हैं और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
बीजेपी के पूर्व नगर अध्यक्ष मदन जोशी का कहना है कि जिस स्थान पर गड्ढा खोदा गया वो भूमि विवादित है और मुस्लिम पक्ष उसे अपना बता रहा है, जबकि ये भूमि 1994 से विवादित है तब से इस पर यथा स्थिति बनाए रखने के निर्देश हो रखे है।अब इस मामले को वक्फ बोर्ड के जरिए तूल दिया जा रहा है।
बताया जाता है कि विवादित भूमि 16 बीघा है और उक्त स्थान के पास हिन्दू आबादी है और मुस्लिम समुदाय यहां अपने कब्रस्तान का विस्तार करने पर आमादा है।
बरहाल जिला प्रशासन ने शव को पुराने कब्रस्तान पर दफनाने के लिए निर्देशित किया,जिस पर कुछ मुस्लिम युवकों ने विरोध स्वरूप वहां किए गए गड्ढे में खुद को बैठा दिया और शव को यहीं दफनाने की जिद्द की। जिस पर पुलिस ने उन्हें गड्ढे से बाहर निकाला और भारी संख्या में अर्ध सैनिक दस्ते की तैनाती कर दी। इस बीच दोनों संप्रदायों के लोग वहां एकत्र हो गए।
बाद में प्रशासन की मौजूदगी में पुराने कब्रस्तान क्षेत्र में ही शव को दफनाने के लिए गड्ढा खुदवाया गया और हिन्दू आबादी की तरफ जो गड्ढा खोदा गया उसे पुनः मिट्टी से भर दिया गया।
फिलहाल प्रशासन ने पुराने कब्रस्तान की तारबाड़ करने और उक्त भूमि को उससे अलग से डिमार्किंग करने का फैसला लिया और राजस्व विभाग से भू दस्तावेजों की बारीकी से जांच पड़ताल करने की आवश्यकता जताई।
हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ताओं का कहना था कि किसी भी सूरत में कब्रस्तान का विस्तार नहीं होने दिया जाएगा, विवादित भूमि पूर्व में हिंदू परिवार की थी जिसका अब को वारिस नहीं है ऐसे में सरकार उक्त भूमि अपने कब्जे में ले।
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