महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली भाजपा की सरकार ने राज्य के मंदिरों के संरक्षण और उनके विकास की योजनाओं को मंजूरी दे दी है। इसके तहत राज्य सरकार प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास के लिए 2,954 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
किस मंदिर को कितना मिला
प्रदेश सरकार ने प्रसिद्ध तुलजाभवानी मंदिर विस्तृत विकास योजनाओं को मंजूरी दी है। इसके अंतर्गत इस ऐतिहासिक मंदिर के विकास में करीब 1865 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके सौंदर्यी करण के साथ ही उसके मूल स्वरूप को बनाए रखने की कोशिशें की जा रही हैं। कोल्हापुर स्थित ज्योतिबा के परिसर और उसके आसपास स्थित झीलों के संरक्षण और उनके विकास के लिए राज्य सरकार ने 259.6 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दी है। वहीं अष्टविनायक मंदिर योजना के लिए कुल मिलाकर 147.8 करोड़ रुपए सैंक्सन किए गए हैं। जिसमें से 100 करोड़ मंदिर के विकास और 47.04 करोड़ रुपए विद्युतीकरण समेत दूसरी व्यवस्थाओं में खर्च होंगे।
कैबिनेट की बैठक में राज्य के प्रमुख तीर्थस्थलों के विकास की योजनाओं के लिए सरकार ने 5503 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। अष्ट विनायक मंदिर, तुलजाभवानी मंदिर, ज्योतिबा मंदिर के अलावा महालक्ष्मी मंदिर कोल्हापुर के लिए 1445 करोड़ रुपए औऱ महुरगढ़ की विकास योजनाओं के लिए 829 करोड़ रुपए शामिल हैं। साथ ही त्र्यंबकेश्वर मंदिर योजना के लिए भी 275 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
अहिल्यादेवी होल्कर के स्मारक के संरक्षण के लिए 681.3 करोड़ रुपए आवंटित
इसके अलावा महारानी अहिल्याबाई होल्कर की जन्मस्थली अहिल्यानगर के चौंड़ी स्थित स्मारक के संरक्षण और विकास के लिए 681.3 करोड़ रुपए खर्चने की योजना को सरकार ने मंजूरी दे दी है। देवी अहिल्याबाई होल्कर 18वीं शताब्दी की एक महान योद्धा थीं, जिन्होंने सनातन संस्कृति की रक्षा और मंदिरों के संरक्षण के लिए काफी कुछ किया था। सरकार ने 31 मार्च 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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