पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में परिस्थितियां और ज्यादा विस्फोटक हो गई हैं। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत गुट ने बलूच में आजादी के समर्थक संगठनों के विरुद्ध ‘युद्ध’ की घोषणा कर दी है। संभव है आने वाले दिनों में बलूच लिबरेशन आर्मी और बलूच लिबरेशन फ्रंट जैसे बलूच विद्रोही गुटों को एक नया मोर्चा झेलना पड़ सकता है। बलूच गुटों ने कई मोर्चों पर पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह परास्त किया है और फौजी इतने डरे हुए हैं कि बलूचिस्तान के अनेक शहरों में तैनाती से डर रहे हैं। संभवत: इसीलिए सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने अब बलूचों के दमन के लिए जिहादी गुट इस्लामिक स्टेट खुरासान को मैदान में उतारा है।
इस्लामिक स्टेट खुरासान ने खुद एक वीडियो जारी किया है। इसमें उसने बलूच की आजादी की मांग करने वाले संगठनों के खिलाफ संघर्ष का एलान किया है। इस जिहादी गुट ने वीडियो में दावा किया है कि दो महीने पहले मस्तुंग में उसके प्रशिक्षण शिविर पर बलूच विद्रोही गुटों के हमले में इस्लामिक स्टेट खुरासान के अनेक लोग मारे गए थे। अब लगता है इस संगठन ने बलूचों से ‘बदला’ लेने की ठान ली है। इसने बलूच विद्रोही गुटों को होशियार किया है कि अब वे ‘खूनी संघर्ष’ के लिए तैयार रहें।
जिहादी गुट इस्लामिक स्टेट खुरासान ने अपने वीडियो में यह खुलासा भी किया है कि उनके प्रशिक्षण शिविर बलूचिस्तान की पहाड़ियों में बने हुए हैं। यह वही इलाका है जहां बलूच विद्रोही गुटों की गतिविधियां भी चलती हैं। वीडियो में इस खुलासे के बाद सवाल उठा है कि क्या पाकिस्तान सरकार को इन शिविरों के वहां होने का पता नहीं था? अफगान मीडिया और सुरक्षा एजेंसियां पहले ही दावा कर चुकी हैं कि बलूचिस्तान में इस्लामिक स्टेट खुरासान की हरकतें चल रही हैं, लेकिन पाकिस्तान लंबे समय से इन दावों को ‘दुष्प्रचार’ कहकर खारिज करता रहा है।

इस्लामिक स्टेट खुरासान के इस एलान पर किसी बलूच विद्रोही संगठन ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं की है। न ही उन्होंने इस्लामिक स्टेट द्वारा लगाए गए आरोपों या ‘युद्ध की घोषणा’ पर कोई टिप्पणी ही की है। लेकिन अगर इस्लामिक स्टेट खुरासान अपनी इस धमकी पर आगे बढ़ते हुए कोई हिंसक कार्रवाई करता है, तो बेशक, बलूचिस्तान एक बार फिर से जबरदस्त हिंसा की चपेट मेंजा सकता है।
इसमें संदेह नहीं है कि बलूचिस्तान पहले से ही पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। सेना और सरकार के खिलाफ लगातार विद्रोह, सीपीईसी परियोजनाओं पर हमले और अब इस्लामिक स्टेट खुरासान जैसी वैश्विक आतंकी ताकत का दखल जैसी परिस्थितियां संकेत देती हैं कि आने वाले समय में पाकिस्तान को अपने ही घर में दोहरी लड़ाई लड़नी होगी।
इस्लामिक स्टेट खुरासान के वीडियो में दी गई युद्ध की धमकी सिर्फ बलूच विद्रोहियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय बना है। पाकिस्तान सरकार को इस नए खतरे से निपटने के लिए बेशक कोई ठोस रणनीति बनानी होगी, नहीं तो बलूचिस्तान में हिंसा और अस्थिरता कई गुना बढ़ सकती है। इस संघर्ष का असर न केवल पाकिस्तान पर बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की सुरक्षा पर पड़ सकता है।
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