बड़े बेआबरू होकर शाहबाज Iran से निकले, खामेनेई ने दिखाया ठेंगा, Chabahar के रास्ते भारत की सफल कूटनीति का कमाल
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

बड़े बेआबरू होकर शाहबाज Iran से निकले, खामेनेई ने दिखाया ठेंगा, Chabahar के रास्ते भारत की सफल कूटनीति का कमाल

आपरेशन सिंदूर के जारी रहते हुए ईरान के विदेश मंत्री भारत आए थे और इस विषय में उनकी विदेश मंत्री जयशंकर से लंबी बात भी हुई थी। भारत इस बंदरगाह पर एक बड़ी राशि का निवेश करने जा रहा है

by Alok Goswami
May 28, 2025, 02:55 pm IST
in विश्व, रक्षा, विश्लेषण
ईरान के सर्वोच्‍च नेता अयातुल्‍ला खामेनेई के साथ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की मुलाकात थोथी रही और कश्मीर को लेकर तेहरान का कोई उलटा बयान नहीं आया

ईरान के सर्वोच्‍च नेता अयातुल्‍ला खामेनेई के साथ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की मुलाकात थोथी रही और कश्मीर को लेकर तेहरान का कोई उलटा बयान नहीं आया

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जिन्ना के देश के प्रधानमंत्री आपरेशन सिंदूर से पड़े गहरे जख्म दिखाने तुर्किए के बाद एक अन्य इस्लामी देश ईरान गए थे। वहां वे सर्वोच्च मजहबी नेता अयातुल्‍ला सैयद अली खामेनेई से मिले। उन्हें उम्मीद थी कि खामेनेई जिन्ना के देश के प्रधानमंत्री को आपरेशन सिंदूर से पड़ी मार पर मलहम लगाएंगे, कश्मीर पर फिर एक बार उनके पक्ष में तगड़ा बयान देंगे, भारत को कट्टर इस्लामी आंखें दिखाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। ईरान के सर्वोच्च शिया मजहबी नेता खामेनेई ने जिन्ना के देश और भारत, इन दो देशों के बीच कश्मीर के मुद्दे के सुलझने की आशा जताई। वे आपरेशन सिंदूर पर खुलकर शाहबाज के पाले में नहीं आए। यहां यह मानकर चलने में कोई बुराई नहीं है कि खामेनेई को जम्मू कश्मीर के संदर्भ में भारत का पक्ष स्पष्टत: पता है कि कश्मीर पर बात होगी तो बस पीओजेके को भारत को वापस देने के बारे में। बजाय शाहबाज के मनमाफिक बयान देने के खामेनेई ने उनसे गाजा पर उनके समर्थन की बात की, ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ की बात की। शाहबाज बेशक तेहरान से हाथ मलते लौटे होंगे।

ईरान जैसा बड़ा और ताकतवर आखिर क्यों कर पाकिस्‍तान जैसे विश्व में कुख्यात कंगाल देश के कहे पर चलेगा! जिन्ना के देश के प्रधानमंत्री ने वहां भी फर्जी आंकड़े और तस्वीरें दिखाकर आपरेशन सिंदूर पर कुछ उगलवाने की कोशिश की होगी, लेकिन हाथ कुछ लगा नहीं। उनकी और उनकी सेना के मुखिया जनरल आसिम मुनीर की ऐसी स्थिति बनी तो इसके पीछे भारत की कूटनीति ही है। पाकिस्तान जब नफरत भरी यह कसरत कर रहा था तब भारत चाबहार बंदरगाह को लेकर रणनीतिक योजनाएं बना रहा था। आखिरकार भारत ने चाबहार को लेकर एक ऐसी घोषणा की है जिससे ईरान भी बेशक, बाग—बाग है।

ईरान के सर्वोच्‍च नेता अयातुल्‍ला खामेनेई के साथ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की मुलाकात थोथी रही और कश्मीर को लेकर तेहरान का कोई उलटा बयान नहीं आया तो यह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की दूरदृष्टि के कारण ही हुआ। क्योंकि सर्वोच्च शिया नेता खामेनेई ने कुछ दिन पहने सोशल मीडिया पर कश्‍मीर का उल्लेख किया था। सूत्र कहते हैं, ऑपरेशन सिंदूर जब चल रहा था तो खामेनेई ने पाकिस्‍तान और भारत के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी।

ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अरघची और विदेश मंत्री जयशंकर

लेकिन शाहबाज और मुनीर को मिली इस मायूसी के पीछे भारत ईरान के चाबहार बंदरगाह के लिए कई योजनाएं तैयार कर रहा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत की ओर से चाबहार बंदरगाह के पर्याप्त विस्तार की घोषणा करना ईरान को रास आया होगा। तय हुआ है कि 2026 के दौरान इस बंदरगाह को रेल के तानेबाने से जोड़ा जाएगा। विशेषज्ञ इसे संभावित अमेरिकी प्रतिबंधों की काट बता रहे हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि भारत की यह घोषणा अमेरिकी सरकार को एक सख्त संकेत भी है। ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह के संचालन की जिम्मेदारी एक भारतीय सरकारी कंपनी के हाथ में है। अमेरिका की ओर से घुड़कियां दिखाए जाने के बावजूद और प्रतिबंधों की लटकती तलवार के बीच भारत तथा ईरान अगर इस बंदरगाह पर आगे काम बढ़ाने को साथ आए हैं, तो यह बड़ी बात है। पूर्व में अमेरिका चाबहार बंदरगाह को लेकर प्रतिबंधों में छूट दे चुका है, लेकिन अब आगे इसके ऐसा रहने की संभावना कम है।

ओमान की खाड़ी में स्थित चाबहार बंदरगाह को लेकर भारत बहुत आशान्वित है। इसे भारत उस ग्वादर बंदरगाह की काट के तौर पर तैयार कर रहा है जिसे चीन ने रणनीतिक बढ़त पाने के लिए पाकिस्‍तान के तट पर बनाया है। फिलहाल चाबहार की क्षमता कम है इसे 100,000 टीईयू तक बढ़ाने को काम जारी है। साथ ही इसे ईरान के रेल संजाल से जोड़ने का काम भी तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए 700 किमी. की पटरी बिछाई जा रही है जिसके 2026 के जुलाई या अगस्त तक पूरा होने का अनुमान है।

चाबहार बंदरगाह को लेकर भारत बहुत आशान्वित है 

परियोजना से जुड़े कुछ लोगों का मानना है कि यह तेजी से बढ़ रही है और अभी इसमें और गति आ सकती है। साल 2026 तक इसे प्रस्तावित स्थिति तक ले आया जाएगा। रेल की पटरी से जुड़ने के बाद ईरान और भारत बंदरगाह को अंतरराष्‍ट्रीय उत्‍तर-दक्षिण परिवहन गलियारे के गेटवे की तरह उपयोग कर पाएंगे। ऐसा होने के बाद मध्‍य एशियाई तथा यूरेशियाई देशों तक सीधी पहुंच बनेगी। यहां ध्यान रहे कि आपरेशन सिंदूर के जारी रहते हुए ईरान के विदेश मंत्री भारत आए थे और इस विषय में उनकी यहां विदेश मंत्री जयशंकर से लंबी बात भी हुई थी।

उल्लेखनीय है कि साल मई 2024 में ईरान और भारत के बीच चाबहार बंदरगाह के संबंध में एक दस वर्षीय समझौता हुआ था। भारत की ओर से बंदरगाह पर लगभग 12 करोड़ डॉलर का निवेश किया जाएगा। भारत ने इस पर और 25 करोड़ डॉलर का कर्ज देने का भी प्रस्ताव रखा है।

Topics: IndiaIranShahbazkhameneiचाबहार बंदरगाहChabahar portIndia Chabahar port acquisition#kashmirपाकिस्तानPakistanभारतईरान
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

ईरान से निकाले गए अफगान शरणा​र्थी   (फाइल चित्र)

‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ के परखच्चे उड़ा रहे Iran-Pakistan, अफगानियों को देश छोड़ने का फरमान, परेशानी में ​Taliban

Operation Sindoor: बेनकाब हुआ चीन, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ऐसे कर रहा था अपने दोस्त पाक की मदद

जनरल असीम मुनीर

जिन्ना के देश ने कारगिल में मरे अपने जिस जवान की लाश तक न ली, अब ‘मुल्ला’ मुनीर उसे बता रहा ‘वतनपरस्त’

बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि 'यदि भारत और पाकिस्तान के बीच समग्र वार्ता होती है, तो पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के प्रत्यर्पण का विरोध नहीं करेगा'

जिहादी हाफिज के बेटे तलहा ने Bilawal को बताया ‘नाम का मुसलमान’, बेनजीर पुत्र के विवादित बयान पर खिचीं तलवारें

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies