बीते चार साल से भी अधिक समय से चल रूस और यूक्रेन के युद्ध को यूरोपीय देश और अधिक भड़काने के मूड में दिख रहे हैं। इसे इस प्रकार से समझा जा सकता है कि जर्मनी के चांसलर ने कहा है कि यूक्रेन के दूसरे पश्चिमी समर्थकों के साथ मिलकर हम यूक्रेन दिए जाने वाले हथियारों की सीमा प्रतिबंध को समाप्त करने जा रहे हैं। अपने इस कदम को यूरोपीय देश यूक्रेन की रक्षा के लिए उठाया गया मानवता भरा कदम बता रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
द गॉर्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज का कहना है कि अमेरिका के साथ ही जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ने सभी प्रतिबंधों को हटा लिया है, ताकि यूक्रेन रूस के सभी ठिकानों को टार्गेट कर सके। उन्होंने कहा कि अब से यूक्रेन को दिए जाने वाले हथियारों पर किसी भी प्रकार का सीमा प्रतिबंध नहीं है। मर्ज ने इसका उदाहरण भी दिया कि अगर यूक्रेन चाहे तो वो रूसी सैन्य ठिकानों, या दूसरे प्रतिष्ठानों पर भी हमले कर सकता है।
सामान्य अर्थों में अगर जर्मन चांसलर के बयानों का अर्थ समझें तो अब पश्चिमी देश यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें, ड्रोन आदि दे सकते हैं। इससे होगा ये कि यूक्रेन और अधिक तेजी से हमले कर सकेगा। बता दें कि लंबी दूरी की मिसाइलें औऱ अन्य हथियार पहले से ही यूक्रेन को दिए जा रहे थे। हालांकि, कुछ पश्चिमी देश इसका विरोध भी कर रहे हैं। इनका कहना है कि ऐसा करके ये लोग रूस को उकसा रहे हैं। इससे परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र के साथ तनाव और अधिक बढ़ेगा।
रूस का जवाब
इस बीच रूस ने पहले यूक्रेन में लंबी दूरी के ड्रोन से हमला करके अपनी ताकत को दिखा दिया। इसके बाद एक बयान में क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने पश्चिमी देशों के इस निर्णय को खतरनाक बताया। रूस ने कहा कि जिस शांति समझौते तक पहुंचने की बात पश्चिमी देश कर रहे हैं, वह इस कदम से और अधिक प्रभावित होगा।
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