रक्षा

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद उभरते खतरों से मुकाबले को सतर्क रहें तीनों सेनाएं : सीडीएस अनिल चौहान

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने उत्तरी एवं पश्चिमी कमान मुख्यालयों का दौरा किया

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WEB DESK

नई दिल्ली, (हि.स.)। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने रविवार को उत्तरी एवं पश्चिमी कमान मुख्यालयों का दौरा किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सशस्त्र बलों की रणनीतिक समीक्षा और ऑपरेशनल स्थितियों का आकलन किया। उन्होंने उभरते खतरों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं में निरंतर सतर्कता एवं एकजुटता पर जोर दिया।

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने आज जम्मू एवं कश्मीर के उधमपुर में भारतीय सेना की उत्तरी कमान और हरियाणा के चंडी मंदिर सैन्य स्टेशन में पश्चिमी कमान का दौरा किया। उन्होंने सेना के कमांडरों लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा एवं लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार तथा उन वरिष्ठ स्टाफ अधिकारियों से बातचीत की, जो ऑपरेशन सिंदूर की योजना एवं क्रियान्वयन में सक्रिय रूप से शामिल थे। उन्होंने यात्रा के दौरान उत्तरी एवं पश्चिमी क्षेत्रों में रणनीतिक समीक्षा और संचालन संबंधी आकलन किया।

उधमपुर में सीडीएस को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकी नेटवर्क एवं आतंक को समर्थन देने वाली शत्रु की परिसंपत्तियों को प्रभावहीन करने और अपनी सैन्य परिसंपत्तियों एवं नागरिकों की रक्षा के लिए उठाए गए उत्तरी सेना के सफल जवाबी कदमों के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें शत्रु की ओर से निशाना बनाए गए सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिकों के पुनर्वास के संबंध में उत्तरी सेना के किए गए प्रयासों के बारे में भी बताया गया। उत्तरी सेना के कमांडर ने सीडीएस को उत्तरी सेना की संचालन एवं लॉजिस्टिक्स संबंधी निरंतर तैयारियों के बारे में जानकारी दी और सीमाओं की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के बारे में आश्वस्त किया। साथ ही जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए संपूर्ण प्रयास करने का भी भरोसा दिया गया।

चंडी मंदिर सैन्य स्टेशन में पश्चिमी सेना के कमांडर ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन के प्रयासों पर प्रतिक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। पश्चिमी सीमाओं पर मौजूदा सुरक्षा स्थिति को रेखांकित करते हुए संचालन संबंधी माहौल, रक्षा तैयारियों और अभियान के प्रमुख परिणामों का विस्तृत विवरण दिया गया। इसके अलावा उन्नत लॉजिस्टिक्स क्षमता, उच्च स्तर की संचालन दक्षता में योगदान, वास्तविक समय की स्थिति के बारे में जानकारी, पश्चिमी सेना की सैन्य क्षमता को मजबूत करने की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया।

जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को याद किया और सभी सैन्य कर्मियों की वीरता, दृढ़ संकल्प, सटीकता और अनुशासन की सराहना की।सीडीएस ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में समग्र तालमेल और समय पर संचालन संबंधी कार्यों को पूरा करने की सराहना की। उन्होंने उभरते खतरों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं में निरंतर सतर्कता, एकजुटता और तालमेल के महत्व पर जोर दिया।

 

 

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