PM Modi On Sugar Board: 25 मई को मई महीने के अंतिम रविवार के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड में देशवासियों से संवाद किया। इस खास कड़ी में उन्होंने सामाजिक, आर्थिक और विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने खासतौर पर सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में ‘शुगर बोर्ड’ लगाने की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कदम छात्रों को अधिक चीनी सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए एक प्रशंसनीय प्रयास है। यह पहल बच्चों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने के लिए प्रेरित करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 122वीं कड़ी में देशवासियों को संबोधित किया। यह एपिसोड आकाशवाणी, दूरदर्शन और विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित हुआ। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने योग और स्वस्थ जीवनशैली को लेकर जागरूकता बढ़ाने पर बल देते हुए कहा, ‘फिट इंडिया ही स्ट्रॉन्ग इंडिया की नींव है।’ उन्होंने स्वस्थ नागरिकों को एक समृद्ध राष्ट्र की आधारशिला बताया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने स्कूलों में ‘शुगर बोर्ड’ लगाए जाने की अनोखी पहल की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘आपने स्कूलों में ब्लैकबोर्ड देखे होंगे, लेकिन अब कुछ स्कूलों में शुगर बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं। ब्लैकबोर्ड नहीं, बल्कि शुगर बोर्ड।’ यह पहल बच्चों को अधिक चीनी सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
सीबीएसई बोर्ड की इस पहल की पीएम मोदी ने सराहना की
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में स्वास्थ्य, शिक्षा और जनजागरूकता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समाज में बड़े बदलाव लाने के लिए छोटे-छोटे लेकिन सार्थक प्रयास बेहद जरूरी होते हैं। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) द्वारा शुरू की गई एक अनोखी पहल की सराहना की, जिसके तहत स्कूलों में ‘शुगर बोर्ड’ लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य बच्चों को अत्यधिक चीनी सेवन के दुष्परिणामों से अवगत कराना और उन्हें स्वस्थ विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने इस पहल को बच्चों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि “फिट इंडिया ही स्ट्रॉन्ग इंडिया की नींव है।”
फिट इंडिया से जुड़े प्रयासों को बताया मजबूत भारत की नींव
पीएम मोदी ने अपने ‘मन की बात’ में कहा, “जब बच्चों को यह जानकारी मिली कि अधिक चीनी का सेवन उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, तो उन्होंने खुद ही स्वस्थ विकल्प चुनना शुरू कर दिया है।” उन्होंने इस पहल को बचपन से ही स्वस्थ जीवनशैली की आदतें विकसित करने में सहायक बताया और कहा कि इसका प्रभाव दूरगामी और सकारात्मक होगा। पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह एक अनूठा प्रयास है और इसका प्रभाव भी बहुत सकारात्मक होगा। यह बचपन से ही स्वस्थ जीवनशैली की आदतें डालने में बहुत मददगार साबित हो सकता है।” अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने ‘फिट इंडिया’ आंदोलन के महत्व को दोहराते हुए कहा कि “फिट इंडिया ही स्ट्रॉन्ग इंडिया की नींव है।” उनका यह संदेश इस बात पर जोर देता है कि स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता की शुरुआत जितनी जल्दी हो, उतना बेहतर, और यही भावी भारत को स्वस्थ और सक्षम बनाएगा। पीएम मोदी ने कहा, “कई अभिभावकों ने इसकी सराहना की है और मेरा मानना है कि इस तरह की पहल कार्यालयों, कैंटीनों और संस्थानों में भी की जानी चाहिए। आखिरकार, अगर स्वास्थ्य है, तो सब कुछ है। फिट इंडिया एक मजबूत भारत की नींव है।”
पीएम मोदी ने मन की बात में किया ‘तुलसी भाई’ का जिक्र
पीएम मोदी ने मन की बात में आयुर्वेद और योग के बढ़ते वैश्विक महत्व पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि योग दिवस के साथ-साथ आयुर्वेद के क्षेत्र में भी एक अहम उपलब्धि हासिल हुई है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 24 मई को, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल और उनके मित्र डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसुस (जिन्हें उन्होंने स्नेहपूर्वक “तुलसी भाई” कहा) की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) साइन किया गया है। पीएम मोदी ने कहा, ‘यह खबर आपको बहुत खुशी देगी, क्योंकि यह भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को वैश्विक मान्यता दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।’ उन्होंने इस समझौते को आयुर्वेद के वैश्विककरण और विज्ञान आधारित स्वीकृति की दिशा में एक ऐतिहासिक क्षण बताया, जो भारत की पारंपरिक ज्ञान-परंपरा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
पीएम मोदी ने साझा की योगी और आयुर्वेद की अहम उपलब्धि
पीएम मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में भारत की एक अहम उपलब्धि को साझा किया। उन्होंने बताया कि 24 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक और उनके मित्र डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसुस की मौजूदगी में एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने इस समझौते को एक ऐतिहासिक पहल करार दिया और बताया कि इसके तहत अब इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ हेल्थ इंटरवेंशंस (ICHI) के अंतर्गत एक विशेष ट्रेडिशनल मेडिसिन मॉड्यूल पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, “इस प्रयास से दुनिया भर में आयुष और आयुर्वेद को वैज्ञानिक आधार पर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। यह भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को वैश्विक स्वास्थ्य तंत्र में एक मजबूत पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
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