पुस्तक का लोकार्पण करते डॉ. हर्षवर्धन और अन्य अतिथि
देश में पहली बार कैंसर पीड़ितों के इलाज को नई दिशा देने वाली एक पुस्तक ‘नैपकैम प्रोटोकॉल’ आई है। पुस्तक में 6 चिकित्सा पद्धतियों की जानकारी दी गई है। यह पुस्तक रोगियों और उनके परिवारों को चिकित्सा के विभिन्न तौर-तरीकों को चुनने का अवसर देती है और उपचार करने वाले चिकित्सक को विभिन्न उपचार विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान करती है।
गत दिनों पूर्वी दिल्ली के साउथ अनारकली क्षेत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष रहे डॉ. हर्षवर्धन ने इसका लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक कैंसर पीड़ितों को इलाज में नई दिशा ही नहीं देगी, बल्कि उनके लिए जिंदगी के हर पड़ाव पर वरदान साबित होगी और विश्व में अपनी अलग पहचान बनाएगी।
सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. पंकज अग्रवाल ने बताया कि यह दुनिया में अपनी तरह की पहली पुस्तक है जो आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्ध, प्राकृतिक चिकित्सा आदि की विभिन्न धाराओं को आधुनिक चिकित्सा के साथ एकीकृत करती है, ताकि रोगियों और उनके परिवारों को कैंसर के अंतिम चरण में होने वाले दर्द, सांस लेने में कठिनाई, कब्ज आदि जैसे कष्टदायक लक्षणों से निबटने में मदद मिल सके। इसका प्रकाशन ‘नेशनल एसोसिएशन ऑफ पैलिएटिव केयर फॉर आयुष एंड इंटीग्रेटिव मेडिसिन’ संस्था ने किया है।
गत दिनों हाड़ी रानी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, सौभागपुरा, उदयपुर में पानी बचाने के तरीकों को समझाया गया। बताया गया कि पौधों को पानी देते समय गमले में नारियल की छाल बिछाने से जल की बचत होती है और छाल में जल ज्यादा समय तक रुकता है। इस गतिविधि को छात्रों द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रश्मि कुमावत, व्याख्याता अनीता जाट, भर्ती वर्मा, मनोज शेखावत और छात्रों में सुरजीत दहिया, जयंती लाल, कुना राम, मुकेश कुम्हार, रमेश यादव ने भाग लिया। यह कार्यक्रम भारत विकास परिषद् के डॉ. नगेंद्र प्रसाद शर्मा और डॉ. पी. सी. जैन के निर्देशन में संपन्न हुआ।
वहीं 7 मई को ‘दी विजन डिवाइन एकेडमी स्कूल’, उदयपुर के नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के मॉडल का जल मित्र डॉ पी.सी. जैन ने अवलोकन किया। इनमें तितली, ज्वालामुखी, विंड मिल, रेनवाटर हार्वेस्टिंग, हृदय की कार्यप्रणाली इत्यादि मॉडल बहुत सुंदर एवं ज्ञानवर्धक थे। इस अवसर पर जल मित्र डॉ. पी.सी. जैन ने बच्चों से नारा लगवाया, ‘सबसे बोलो, नल कम खोलो’।
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