पंजाब

पंजाब में AAP का भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचार का खेल: रमन अरोड़ा की गिरफ्तारी या राजनीतिक स्टंट?

पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा की भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी ने AAP की छवि पर सवाल उठाए। दिल्ली से पंजाब तक भ्रष्टाचार के खेल और राजनीतिक स्टंटबाजी का विश्लेषण।

Published by
राकेश सैन

लगता है कि आम आदमी पार्टी में भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचार का खेल बड़े चाव से खेला जाता है। जनसभाओं में कांग्रेसी नेताओं के भ्रष्टाचार के दस्तावेज दिखाने वाले पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री रहते हुए न केवल खुद शराब घोटाले के दलदल में धंसे दिखाई दिए बल्कि उनके आधा दर्जन साथियों पर भी तरह-तरह के बेईमानी के आरोप लगे। दिल्ली में सूपड़ा साफ होने के बाद लगता है कि अब पार्टी ने पंजाब में यह खेल खेलना शुरू कर दिया है।

ताजा घटनाक्रम में पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने जालंधर केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर लिया। विजिलेंस की टीम ने 23 अप्रैल की सुबह 8.45 बजे अरोड़ा के अशोक नगर स्थित घर पर रेड की। उस समय विधायक अरोड़ा कहीं काम से जा रहे थे। विजिलेंस ने उन्हें गली के मोड़ पर ही रोक लिया और घर ले जाकर उनके सामने छानबीन की गई। दावा किया जाता है कि विजिलेंस की टीम ने डेढ़ किलो सोना, 6 लाख कैश और करोड़ों की प्रॉपर्टी के दस्तावेज जब्त किए। शाम करीब 4.15 बजे विजिलेंस रमन अरोड़ा को गिरफ्तार कर साथ ले गई।

ब्यूरो की प्रचलित कहानी के अनुसार, इससे पहले उसने जालंधर नगर निगम के सहायक नगर योजनाकार सुखदेव वशिष्ठ को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ में विधायक रमन अरोड़ा का नाम सामने आया था। विजिलेंस के अनुसार, सुखदेव वशिष्ठ ने विजिलेंस को बताया कि दोनों ने मिलीभगत कर शहर में भारी वसूली की है। दोनों मिल कर इलाके में बन रही नई कालोनियों व ईमारतों के मालिकों को ब्लैकमेल करते थे। इसमें नगर योजनाकार अवैध कालोनियों व ईमारतों के मालिकों को बिना नंबर के नोटिस जारी करता और सेटलमेंट के नाम पर विधायक रमन अरोड़ा संबंधित पार्टी से वसूली करते। इसके बाद विजिलेंस ने रमन अरोड़ा के खिलाफ कार्रवाई की।

मुख्यमंत्री ने इसे सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति होने की शेखी बघारी है परन्तु राज्य में इसे अंगुली कटवा कर शहीद दिखने की कोशिश मानी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि दिल्ली में सत्ता में रहते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार में हुए भ्रष्टाचारों की लम्बी शृंखला ने पार्टी की छवि को पूरी तरह धूमिल कर दिया है, पार्टी अब पंजाब के राजनीतिक पानी से अपने मुंह की कालिख धोना चाहती है। विपक्ष ने भी इस गिरफ्तारी को राजनीतिक स्टंट बताया है।

विश्लेषक बताते हैं कि पंजाब में ‘आप’ की राजनीति में यह पहली बार नहीं हुआ। इससे पहले 24 मई, 2022, जब आप सरकार सत्ता में नई-नई आई ही थी, कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने ही स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को गिरफ्तार करवाया। विजय सिंगला पर आरोप लगे कि अस्पतालों में विभिन्न सामानों की आपूर्ति के बदले उन्होंने कथित तौर पर एक प्रतिशत कमीशन की मांग की। मुख्यमंत्री ने राजनीतिक स्टंटबाजी करते हुए न केवल विजय सिंगला का इस्तीफा लिया, बल्कि उसके खिलाफ विशेष जांच दल का गठन किया और उसे मंत्रिमण्डल से निकाल दिया। पर असलीयत यह है कि पुलिस ने अभी तक उसके खिलाफ अदालत में चालान तक पेश नहीं किया है।

बताया जाता है कि कैबिनेट मंत्री होने के चलते उसके खिलाफ केस चलाने के लिए सरकार की ओर से जो स्वीकृति दी जाती है वो भी नहीं दी गई है। परिणाम यह है कि आज भी विजय सिंगला पार्टी की बैठकों में शामिल होते हैं और ईमानदारी के दावे भी करते हैं।
इसी तरह बठिंडा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से आप विधायक अमित रत्न कोटफत्ता पर भी 25 लाख रुपये की ग्रांट में 5 लाख रुपये कमीशन मांगने के आरोप लगे थे। यह मामला फरवरी, 2023 का है और अप्रैल महीने में पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने उसे जमानत दे दी। उसके खिलाफ जांच के नाम पर मानो पुलिस कछुए से दौड़ लगा रही है। आप के अमरगढ़ के विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा पर बैंक से चालीस करोड़ रुपये का गबन करने धनशोधन करने का आरोप है। वो अभी जमानत पर हैं। इसी तरह पंजाब के मंत्री फौजा सिंह सरारी भी एक ऑडियो वायरल होने पर पद से त्यागपत्र दे चुके हैं। भगवंत मान सरकार भ्रष्टाचार को लेकर इतनी ही संजीदा है तो पहले उक्त आरोपियों के केस को उनके अंजाम तक क्यों नहीं पहुंचा रही?

प्रश्न यह भी उठता है कि जब आप सरकार अपने विधायक रमन अरोड़ा पर एक्शन की तैयारी में थी तो उसने पहले उसे इस कार्रवाई के संकेत क्यों दिये? ज्ञात रहे कि सरकार ने कुछ दिन पहले ही उनकी सुरक्षा में तैनात 14 सुरक्षाकर्मी वापस ले लिए थे। क्या यह कदम यह बताने के लिए पर्याप्त नहीं कि सरकार उसके खिलाफ कुछ करने जा रही है? क्या यह संकेत नहीं कि पंजाब में आप सरकार कोई राजनीतिक खेल खेल रही है?

असल में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार तीन साल से अधिक का समय व्यतीत कर चुकी है और उपलब्धियों के नाम पर मुख्यमंत्री भगवंत मान से हाथ खाली-खाली दिख रहे हैं। सरकार आए दिन समाचार पत्रों में पूरे-पूरे पृष्ठों के विज्ञापन जारी कर विभन्न सरकारी विभागों में नियमित रूप से होने वाली भर्तियों को अपनी उपलब्धि बताती तो है परन्तु विकास के धरातल पर सरकार के पास अपनी सफलताएं गिनाने को कुछ नहीं है। मुद्दों के आभाव में पार्टी ने हाल ही में पंजाब के पानी को बचाने के नाम पर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से टकराव मोल लिया, हरियाणा के हिस्से के पानी की आपूर्ति रोकने का प्रयास किया परन्तु राज्य की जनता ने इस मुद्दे पर कोई गौर नहीं फरमाया। जनता का ध्यान खींचने के लिए शायद भगवंत मान सरकार पार्टी के पसंदीदा भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचार खेल में संलिप्त हो गई है और रमन अरोड़ा को बलि का बकरा बना कर अपने चेहरे पर राष्ट्रीय स्तर पर लगी घोटालेबाजी की स्याही को धोने का प्रयास कर रही है।

(डिस्क्लेमर: स्वतंत्र लेखन। यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं; आवश्यक नहीं कि पाञ्चजन्य उनसे सहमत हो।)

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