वाराणसी: पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोपी मोहम्मद तुफैल को वाराणसी के नवापुरा, हनुमान फाटक से गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि पहलगाम में आतंकी घटना के बाद मोहम्मद तुफैल के मोबाइल से कुछ व्हाट्सएप चैट डिलीट हुए हैं। एटीएस डिलीट किए गए चैट और डेटा को रिकवर करने में जुटी हैं। एटीएस तुफैल के कुछ करीबियों से भी पूछताछ करेगी। ये सभी लोग जैतपुरा और आदमपुर थाना क्षेत्र में रहते हैं। बताया ये भी जा रहा है कि पाकिस्तान की नफीसा ने तुफैल को हनी ट्रैप के जाल में फंसाया था।
तुफैल गोलगड्ढा स्थित एक मदरसे में पढ़ाई करता था। 14 साल पहले उसने पढ़ाई छोड़ दी। सात साल पहले कन्नौज और पंजाब के सरहिंद घूमने गया था। बताया जा रहा है कि वहीं पर उसकी मुलाकात कुछ पाकिस्तान के लोगों से हुई थी। तुफैल इस्लामिक चरमपंथी संगठन तहरीक – ए – लब्बैक पाकिस्तान के नेता मौलाना शाद रिजवी के तकरीरों का समर्थक बन गया। मौलाना शाद रिजवी की तरह ही वह भी मजलिसों में तकरीर करता था। पाकिस्तानी हैंडलर ने मौलाना शाद के भाषणों को सुनने और वीडियो को वॉट्सएप ग्रुपों में भेजने के लिए कहा था।
हैंडलर के जरिए पाकिस्तान के फैसलाबाद की नफीसा से संपर्क में आया। हनी ट्रैप के जाल में फंस तुफैल नफीसा के पति जो पाक सेना का अधिकारी बताया जा रहा है, उसे भारत के अलग – अलग धार्मिक और ऐतिहासिक स्थानों की फोटो और डिटेल भेजने लगा। तुफैल के ममेरे भाई ने बताया कि तुफैल करीब आठ वर्षों से ननिहाल में रह रहा था। मजलिसों में तकरीर के लिए वो अक्सर बाहर जाया करता था।
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