रुखसाना इस्माइल, रदौरहम की नई मेयर
ब्रिटेन का रॉदरहैम जिला काफी समय से चर्चा में है क्योंकि वहाँ पर ग्रूमिंग गैंग्स के मामले लगातार आए और यह भी सामने आया कि कैसे पुलिस और प्रशासन पीड़ित लड़कियों के साथ न खड़े होकर अपराधियों के साथ खड़े रहे। अभी तक शिकायतें और कार्यवाही चल ही रही है। यह भी सामने आया था कि कैसे समाज के कुछ प्रभावशाली वर्ग ने खुलकर अपराधियों का साथ दिया था।
अब वह, रॉदरहैम एक बार फिर से चर्चा में है। वहाँ पर पाकिस्तानी मूल की एक महिला को मेयर नियुक्त किया गया है। रुखसाना को इस शहर का मेयर जनता ने नहीं चुना है, बल्कि उसे काउंसिल के सदस्यों ने चुना है। इस नियुक्ति ने हंगामा मचा दिया है। ऑनलाइन इस नियुक्ति को लेकर विरोध हो रहा है। लोगों का कहना है कि इस नियुक्ति से पिछले अपराधों पर असर पड़ेगा।
रुखसाना का शपथ ग्रहण के बाद का इंटरव्यू भी वायरल हो रहा है। इसमें रुखसाना इस्माइल यह कहते हुए फख्र का अनुभव कर रही है कि वह एक पाकिस्तानी है। एक मुस्लिम है। और हिजाब पहने हुए है।
मगर वह खुद को पाकिस्तानी कश्मीरी कह रही है। जबकि पाकिस्तान और कश्मीर का आपस में दूर-दूर तक लेना देना नहीं है।
रुखसाना का पूरा जोर अपनी मुस्लिम पहचान को लेकर है। कुछ लोगों ने कहा कि रुखसाना ने इतिहास बनाया है। मगर लोग कह रहे हैं कि रुखसाना ने इतिहास नहीं बनाया है, बल्कि वह सरकारी कार्यालय का उपहास उड़ा रही है। केली नामक यूजर ने लिखा कि “रॉदरहैम की नई मेयर इतिहास नहीं बना रही हैं-वे सार्वजनिक पद का मज़ाक उड़ा रही हैं। उर्दू में अपना पहला भाषण देना समावेश का संकेत नहीं है, बल्कि अंग्रेजी बोलने वाले लोगों के प्रति जानबूझकर किया गया अपमान है, जिनकी वे सेवा करती हैं। संस्थागत कायरता और सांस्कृतिक चुप्पी से त्रस्त शहर में, यह प्रतिनिधित्व कम और ट्रोलिंग ज़्यादा लगता है-किसी को भी इसके बारे में बोलने की हिम्मत नहीं है।“
लोग कह रहे हैं कि उसका यह कहना कि वह अपने मुल्क पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रही है, बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।
इस्लामी कट्टरता के खिलाफ लगातार आवाज उठाने वाली एमी मेक ने लिखा कि यह प्रतीकात्मक है और डराने वाला है।
पाकिस्तानी विरासत की रुखसाना इस्माइल जो ब्रिटेन में पैदा हुई है, वह उस शहर के सबसे बड़े सार्वजनिक कार्यालय को सम्हालेगी, जो आधुनिक यूके के इतिहास में बच्चों के सबसे भयानक शोषण के लिए कुख्यात रहा है।
उन्होनें लिखा कि “यह वही रॉदरहैम है – जिसकी आबादी 265,000 है – जहाँ कम से कम 1,400 बच्चों, जिनमें से ज़्यादातर श्वेत कामकाजी वर्ग की लड़कियाँ थीं, को दशकों तक पाकिस्तानी मूल के मुख्य रूप से मुस्लिम पुरुषों के गिरोहों द्वारा व्यवस्थित रूप से ग्रूम किया गया उनका बलात्कार किया गया, तस्करी की गई और प्रताड़ित किया गया।“
उन्होनें आगे लिखा कि यह सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि शहर का जो सबसे बड़ा नागरिक है, अब वह भी उन्हीं मूल्यों का संवाहक है जो इस भयानक प्रताड़ना और उत्पीड़न में शामिल अपराधियों का रहा है।
दरअसल रॉदरहैम में जो श्वेत लड़कियों के साथ पाकिस्तानी मूल के अपराधियों ने किया था, उसके पीछे कई पीडिताओं ने केवल और केवल मजहबी कट्टरता ही मुख्य कारण बताया था। कई पीडिताओं ने कहा था कि उन्हें श्वेत और ईसाई होने के कारण इस पूरे जाल में फँसाया गया और श्वेत होने के कारण उनपर नस्लीय टिप्पणियाँ भी की गई थीं।
एमी ने भी एक पीडिता का बयान अपनी पोस्ट में लिखा है। एला हिल्स का बयान उन्होनें अपनी पोस्ट में लिखा।
“रॉदरहैम ग्रूमिंग गैंग की एक पीड़िता के रूप में, मैं चाहती हूँ कि लोग उस मजहबी कट्टरता के बारे में जानें जिसने मेरे उत्पीड़कों को प्रेरित किया। ग्रूमिंग गैंग पीडोफाइल गिरोहों की तरह नहीं हैं; इसके बजाय, वे लगभग बिल्कुल आतंकवादी नेटवर्क की तरह काम करते हैं, सभी एक ही रणनीति के साथ। एक किशोर के रूप में, मुझे इंग्लैंड के उत्तर में टेकअवे के ऊपर विभिन्न घरों और फ्लैटों में ले जाया गया, जहाँ मुझे पीटा गया, प्रताड़ित किया गया और 100 से अधिक बार बलात्कार किया गया।“
लोग प्रश्न कर रहे हैं कि क्या रुखसाना उन श्वेत लड़कियों की पीड़ा को समझ सकेंगी? हालांकि एक महिला होने के नाते रुखसाना से या अपेक्षा रहेगी कि वे श्वेत महिलाओं की पीड़ा को समझेंगी और उन मामलों पर चुप्पी तोड़ेंगी जो उनके समुदाय के अपराधियों से संबंधित हैं।
रुखसाना एक गैर सरकारी संगठन अपना हक भी चलाती हैं। अपना हक महिलाओं की आवाज उठाने वाला संगठन है। मगर या संगठन केवल अश्वेत और अल्पसंख्यक महिलाओं की पीड़ा उठाने वाला संगठन है, जो उस शहर में किसी भी प्रकार की हिंसा का शिकार हो रही हैं।
लोग प्रश्न कर रहे हैं कि रॉदरहैम में आखिर कौन सी महिलाएं पीड़ित हैं और सुनियोजित हिंसा का शिकार हुई हैं? मगर दुर्भाग्य से खुली किताब के जैसे इस स्पष्ट उत्तर को भी शायद ही कभी देखा जाए।
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