एस जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री
बर्लिन (एएनआई): विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को एक बार फिर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की परमाणु ब्लैकमेलिंग नहीं चलेगी। अपने पड़ोसी के साथ ‘द्विपक्षीय’ तरीकों से सख्ती से निपटना जारी रखेगा, साथ ही उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई ‘भ्रम’ नहीं होना चाहिए।
जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को दोहराया। उन्होंने कहा, “मैं पहलगाम आतंकी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के तुरंत बाद बर्लिन आया था। भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस रखता है। भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और भारत पाकिस्तान के साथ पूरी तरह से द्विपक्षीय तरीके से निपटेगा। इस संबंध में किसी भी तरफ कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।
इससे पहले दिन में, विदेश मंत्री जयशंकर ने बर्लिन में जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएँ दीं।
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में अटैक किया था। धर्म पूछककर 26 लोगों की हत्या कर दी। इसके बाद भारत ने निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया के रूप में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिक्रांत जन्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकी ढाँचे को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से ज़्यादा आतंकवादी मारे गए।
हमले के बाद, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से गोलाबारी की और साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन हमलों का प्रयास किया, जिसके बाद भारत ने एक समन्वित हमला किया और पाकिस्तान के आठ एयरबेसों में रडार बुनियादी ढाँचे, संचार केंद्रों और हवाई क्षेत्रों को क्षतिग्रस्त कर दिया। 10 मई को, भारत और पाकिस्तान शत्रुता समाप्त करने पर सहमत हुए।
ट्रंप को भी जवाब
वहीं नीदरलैंड के एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में एस जयशंकर ने पीओजेके पर भी रुख एक बार और स्पष्ट किया। उन्होंने कश्मीर विवाद पर किसी और की मध्यस्थता स्वीकार करने से साफ मना किया। जयशंकर ने कहा कि ये दो देशों के बीच का मसला है।उनसे पूछा गया कि क्या कश्मीर पर डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव को भारत स्वीकार नहीं करेगा? इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि ये मुद्दा हम पाकिस्तान के साथ मिलकर ही सुलझाएंगे।
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