भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में है जिसका रेल नेटवर्क बहुत व्यापक है। भारतीय रेल दूरदराज के इलाकों को भी एक सूत्र में बांधता हैं। वर्तमान मोदी सरकार के कार्यकाल में देश में भारतीय रेल के कामकाज और जनता के साथ जुड़ाव को काफी मजबूत किया गया हैं। भारतीय रेल के गुणवत्ता में मोदी सरकार के कार्यकाल में काफी सुधार हुआ हैं।
भारतीय रेल आमजन से सीधा जुड़ा हैं अतएव समाज के हर वर्ग के लोग अमीर और गरीब सभी की सामान रूप से सेवा करता हैं। वर्तमान में भारतीय रेल के समय पर सुचारु रूप से चलने के कारण जनता का रेल से जुड़ाव और भी बढ़ता जा रहा हैं। अब लोग अपनी गाड़ी या सार्वजानिक परिवाहन के बदले अब रेल का प्रयोग ज्यादा करने लगे हैं। समय के साथ भारत सरकार रेलवे को और भी व्याप्त बनाने के साथ ही जनता के साथ और भी मजबूती से जोड़ना चाहती हैं। रेल को और भी सक्षम बनाने के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना सरकार का एक महत्वाकांक्षी कदम हैं।
अमृत भारत स्टेशन योजना रेलवे की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसके तहत आधारभूत सुविधा का विकास करके रेलवे स्टेशन परिसर में यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाई जाएगी। अमृत भारत स्टेशन योजना सिर्फ स्टेशन के आधुनिकीकरण की योजना नहीं है बल्कि वह स्टेशन को एक सिटी सेंटर में बदल देने की भी योजना है। अमृत भारत स्टेशन योजना देश के शहरों के विकास और उस शहर के विरासत का एक प्रतिबिम्ब दिखाए जाने की योजना हैं। आधुनिकीकरण की नई योजना में लगभग 1300 स्टेशनों का चयन किया गया हैं। उसमें 103 स्टेशन तैयार हैं। इनमें यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आधारभूत संरचना का विकास किया गया हैं। इसका मुख्य लक्ष्य यात्रियों के आवागमन को सुगम बनाने का प्रयास किया गया हैं। यात्रियों को ट्रेन पकड़ने या ट्रेन से उतर कर बाहर निकलने में सुविधा को ध्यान में रखकर अमृत भारत स्टेशन योजना को आकार दिया गया हैं।
अमृत भारत स्टेशन योजना स्टेशन के माध्यम से देश का विकास और अद्भुत विरासत के समागम की झलकियां दिखाई जा रही हैं। यह स्थानीय कला और संस्कृति के प्रतीक को पुरे देश के सामने सुगमता से प्रस्तुत करेगी। प्रत्येक अमृत भारत स्टेशन पर भारत की हज़ारों साल पुरानी समृद्ध विरासत को दर्शाया गया हैं। उदाहरण के तौर पर बिहार के थावे स्टेशन पर मां थावेवाली के पावन मंदिर और मधुबनी चित्रकला को, गुजरात का डाकोर स्टेशन रणछोड़राय जी से प्रेरित है, मध्य प्रदेश के ओरछा रेलवे स्टेशन पर भगवान राम की आभा का दर्शाया गया हैं, राजस्थान के मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन पर महान राजस्थानी कला-संस्कृति को प्रदर्शित किया गया हैं। श्रीरंगम रेलवे स्टेशन का बनावट भगवान श्री रंगनाथ स्वामी जी के मंदिर से प्रेरित है। तिरुवण्णामलै स्टेशन द्रविड़ वास्तुकला के अनुसार आकार दिया गया है। बेगमपेट स्टेशन पर काकतीय साम्राज्य के समय का आर्किटेक्चर देखने को मिलेगा।
अमृत भारत स्टेशन योजना में स्टेशन का पुनर्विकास इस तरह से किया जा रहा है कि वहां पर वाणिज्यिक जगह भी उपलब्ध हो जिससे की हमारे स्थानीय कारीगरों को अपने उत्पाद बाहरी लोगों को दर्शाने का मौका मिले। अमृत भारत स्टेशन राज्यों में पर्यटन को भी बढ़ावा देने का बेहतर जरिया बनता दिख रहा हैं। इसमें रोजगार के नए अवसर भी विकसित होंगे। भारत सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट को भी इस अमृत भारत स्टेशन योजना में बड़ी सफलता मिलेगी। इस योजना के तहत जो स्थानीय उत्पाद जैसे शिल्प कला, खाद्य पदार्थ या अन्य कोई उत्पाद हो तो उनको इन स्टेशनों पर प्रदर्शित करके प्रोत्साहन देने के साथ ही इनकी बिक्री को भी बल मिलेगा। खासतौर से जनजातीय इलाके की हस्तकला, शिल्पकला, बुनकर कला, चित्रकारी, के अलावे भी मसाले, चाय, कॉफी या अन्य कोई ख़ास स्थानीय उत्पाद हैं उसकी भी बिक्री बहुत ज्यादा बढ़ेगी। अभी तक देश के कई ख़ास उत्पादों को पुरे देश और विश्व के समक्ष नहीं लाया जा सका हैं। मगर अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत इन उत्पादों को सबके प्रदर्शित करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आर्थिक विकास देने के साथ ही ग्रामीण कारीगरों के हुनर को भी पहचान दिलवाने में मदद करेगी।
इस योजना के तहत स्टेशनों को साफ सुथरा लिए जाने के साथ ही उसमें अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं। इस योजना के अंतर्गत न सिर्फ रेलवे की बल्कि आसपास के इलाकों की भी तस्वीर को बदलेगी। ये स्टेशन इन शहरों की पहचान और प्रतीक समय के साथ बढ़ती जाएगी। पूर्वकाल में रेलवे स्टेशनों को ऐसे स्थानों पर विकसित किया गया की कई शहरों में जनसंख्या दो भागो में विभाजित हो जाती थी। स्टेशन के दोनों तरफ आबादी का इलाका रह जाने के कारण आपस में जुड़ने के लिए बहुत लंबे-लंबे रास्ते से जाना पड़ता था, इस योजना में रेलवे स्टेशनो का पुनर्वविकास और आधुनिकरण की योजना में एक यह सबसे बड़ा मुद्दा था कि यह कैसे शहर के दोनों भागों को आपस में जोड़ा जाए। इसके लिए फ्लाई ओवर्स और उस शहर का ट्रैफिक पैटर्न को उसके मुताबिक तैयार किया जाए। स्टेशन के आसपास का इलाका बहुत संकीर्ण होता इस कारण पूरा ट्रैफिक का अध्ययन करके इसका निदान करना भी इस योजना का अंग हैं।
इस योजना में यह भी तय किया गया है कि कुछ छोटे शहर हैं जहां पर स्टेशन ही सबसे बड़ी जगह है और जो आसपास के लोग हैं उनके लिए वो स्टेशन ही सबसे बहुत महत्वपूर्ण स्थान हैं। ऐसा शहरों और इलाकों में स्टेशन सिर्फ यात्रा का स्थल ना बनकर वो एक व्यावसायिक केंद्र में बदल दिया जाए। उन स्थानों पर रेलवे स्टेशन को ऐसी जगह बना दी जाए कि वहां पर अगर कुछ व्यावसायिक स्थल का उपयोग भी हो सके और आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा दिया जा सके।
इस योजना में एक वन स्टेशन वन प्रोडक्ट भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस योजना के तहत जो स्थानीय उत्पाद है जैसे शिल्प कला, खाद्य पदार्थ हो उसकी बिक्री को लेकर भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। खासतौर पर जैसे जो जनजातीय इलाके हैं वहां की हस्तकला, शिल्पकला, बुनकर कला, चित्रकारी के अलावे मसाले, चाय, कॉफी, या अन्य स्थानीय उत्पाद की भी बिक्री बहुत ज्यादा बढ़ेगी। वन स्टेशन वन प्रोडक्ट जैसे कि नाम दर्शाता है कि इस स्टेशन से जुड़े हुए जितने भी इलाके हैं, वहां की जो ख़ास पहचान जैसे हस्तशिल्प, खाने पीने का सामान है उसको भी बढ़ावा मिलेगा। इस कमर्शियल स्पेस को लेने के लिए और अपने सामान को दिखाने के लिए या उसकी बिक्री करने के लिए यह बहुत ही आसानी से स्टेशन मास्टर से मिलकर वह उस दुकान को बुक कर सकते हैं 15 दिन से लेकर 6 महीने तक और उसमें वह अपने जो स्थानीय उत्पाद को प्रदर्शित करके उनकी बिक्री कर सकते हैं। यह एक बहुत ही उम्दा परियोजना है जिसकी वजह से बहुत सारे स्थानीय हुनरमंदों को अपने हुनर को दिखाने और उससे आमदनी करने का सुनहरा अवसर मिलेगा।
आख़िरकार अमृत भारत स्टेशन योजना केवल रेलवे को विकसित करने के योना ना होकर इससे पुरे शहर, इलाके और उस क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास की योजना हैं। इसमें किसी ख़ास वर्ग ही नहीं बल्कि सभी उम्र, पेशा और समाज के हर वर्ग के लोगो की विकास के लिए पूरी योजना हैं।
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