बिरसा हुंकार' के नए स्वरूप का लोकार्पण करते श्री सुनील आंबेकर (बाएं से चौथे)। साथ में हैं अन्य अतिथि
गत 15 मई को रांची में देवर्षि नारद जयंती एवं पत्रकार सम्मान समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने जागरण पत्रिका ‘बिरसा हुंकार’ के नए स्वरूप का लोकार्पण किया और पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए वरिष्ठ पत्रकार सीताराम पाठक, प्रभात खबर की वरिष्ठ पत्रकार लता रानी एवं नवोदित पत्रकार बीरबल यादव को सम्मानित किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने कहा कि वर्तमान समय में सत्य और तथ्य को जाने बिना सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है।
ऐसे में पत्रकारों को देवर्षि नारद से सीख लेने की आवश्यकता है। हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष में भारतीय सेना ने अपने पराक्रम का परिचय दिया, लेकिन कई बड़े-बड़े मीडिया हाउसों ने भ्रामक खबरें चलाईं एवं तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया।
यह स्वस्थ पत्रकारिता नहीं है। उन्होंने कहा कि आज भारत में भाषा के नाम पर राजनीति हो रही है, लेकिन हमें यह समझना होगा कि हमारी भाषाएं आपस में एक-दूसरे की बहनें हैं।
भारत की सारी भाषाएं एक-दूसरे से मिलकर ही आगे बढ़ीं और विकसित हुईं। मुख्य अतिथि और ‘विकास भारती’ के सचिव पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि देवर्षि नारद ने ही तथ्य और सत्य पर आधारित सकारात्मक पत्रकारिता की शुरुआत की थी।
आज भी इसी सकारात्मकता के साथ पत्रकारिता की आवश्यकता है। प्रत्येक पत्रकार को नारद को ही अपनी प्रेरणा मानकर काम करना चाहिए। धन्यवाद ज्ञापन रामावतार नारसरिया ने किया।
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