कार्यक्रम में एक पत्रकार को सम्मानित करते आरिफ मोहम्मद खान और अन्य अतिथि
गत 17 मई को पटना में नारद जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर ‘डॉ. राजेंद्र प्रसाद पत्रकारिता शिखर सम्मान’ वरिष्ठ पत्रकार अनिल विभाकर को, ‘पं. केशवराम भट्ट पत्रकारिता सम्मान’ विशाल कुमार को तथा ‘बाबूराव पटेल रचनाधर्मिता सम्मान’ प्रसिद्ध छाया-पत्रकार सचिन कुमार को प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने ‘भारतीय अस्मिता और समकालीन चुनौतियां’ विषय पर कहा कि भारत के मनोबल को तोड़ने का प्रयास लगातार जारी है। 22 अप्रैल को पहलगाम की आतंकी गतिविधि इसका प्रमाण है। पाकिस्तान ने बहुत पहले समझ लिया था कि भारत को प्रत्यक्ष युद्ध में नहीं हराया जा सकता। इसलिए 1965 में उसने ऑपरेशन जिब्राल्टर प्रारंभ किया। जनरल जिया उल हक ने इसे एक नया रूप (ऑपरेशन टोपाक) दिया था।
इस ऑपरेशन का लक्ष्य है भारत में समय-समय पर आतंकी गतिविधि कर भारत के मनोबल को तोड़ना। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के लोग संवाद की शक्ति में विश्वास रखते हैं, लेकिन जिनके लिए संवाद की शक्ति अर्थहीन है, उनके लिए शक्ति के संवाद की आवश्यकता है। अध्यक्षता करते हुए बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि भारत के लोग संतुलन में विश्वास रखते हैं।
आज दुनिया जिस समस्या को लेकर चिंतित है, उसका चिंतन हमारे ऋषि-मुनियों ने वर्षों पहले कर लिया था। पेड़-पौधों को पानी, पशु-पक्षियों को दाना देना, यह हमारे चिंतन का ही परिणाम है। कार्यक्रम में पटना विश्व संवाद केंद्र की वार्षिक स्मारिका ‘प्रत्यंचा’ का भी विमोचन हुआ। मंच संचालन विश्व संवाद केंद्र के संपादक संजीव कुमार ने किया, वहीं धन्यवाद ज्ञापन न्यास के सचिव डॉ. संजीव चौरसिया ने किया।
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