दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा (बाएं से) और डोनाल्ड ट्रंप (फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान)
डोनाल्ड ट्रंप एक अलग ही परंपरा चलाने पर तुले हैं या यूं कहें कि धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ इस बार दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ हुआ है। जब वो डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर बैठक कर रहे थे। अचानक से ट्रंप की टीम कार्यक्रम की रूपरेखा ही बदल दी। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में श्वेत ईसाईयों के नरसंहार का मुद्दा उठाया।
मामला कुछ ऐसा है कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों और व्यापारिक समझौतों के लिए गए थे। उन्होंने सोचा था कि ट्रंप के साथ व्यापारिक समझौतों पर बात होगी, लेकिन हो कुछ और गया। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप और अफ्रीकी राष्ट्रपति के बीच बंद कमरे में मीटिंग होनी थी, लेकिन हुआ ये अचानक से अमेरिका की ओर से कार्यक्रम की रूपरेखा बदल दी गई। ट्रंप ने ये मीटिंग मीडिया के सामने रख दी। इसके बाद वहां पर उन्होंने टीवी पर एक क्लिप चालू कर दी, जिसमें दक्षिण अफ्रीका के श्वेत किसानों के ऊपर अत्याचार और उनके नरसंहार को दिखाया जा रहा था।
वीडियो में दक्षिण अफ्रीका के वामपंथी नेता जूलियस मलिमा को किल द बोअर के नारे लगाते देखा जा सकता है। इस वीडियो को दिखाने के बाज ट्रंप आरोप लगाते हैं कि दक्षिण अफ्रीका में जो श्वेत किसान हैं, उन पर हमले किए जा रहे हैं, उन पर अत्याचार किया जा रहा है और जबरन उनकी जमीनों को हथियाया जा रहा है। ट्रंप प्रशासन के इस कार्य से थोड़ी देर के लिए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति थोड़े असहज हो जाते हैं।
लाइव हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के आरोपों के बाद माहौल को संभालते हुए दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामाफोसा कहते हैं कि लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस विषय पर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं।अगर हमारे देश में श्वेत किसानों का नरसंहार हो रहा होता तो मेरे साथ आए ये तीन श्वेत अफ्रीकी (दो गोल्फर और कृषि मंत्री) मेरे साथ नहीं होते।
ये कोई पहली बार नहीं है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष के साथ इस तरह का बर्ताव कर रहे हैं। सिरिल रामाफोसा से पहले उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की के साथ भी ऐसा ही किया था। इसके बाद जेलेंस्की मीटिंग छोड़कर वहां से चले गए थे।
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