बीजापुर (हि.स.) । छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा के सीमावर्ती क्षेत्र अंतर्गत अबूझमाड़ के बाेटेर इलाके में बुधवार सुबह हुई मुठभेड़ में देश के मोस्ट वांटेड नक्सली और नक्सली संगठन का जनरल सेक्रेटरी नंबाला केशव राव उर्फ बसव राजू भी मारा गया। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को अब तक की सबसे बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि मिली है। इस नक्सली नेता की देश भर की सुरक्षा एजेंसियों को तलाश थी। उसे डीआरजी के जवानों ने मार गिराया है। नक्सल संगठन के शीर्ष नेतृत्व का संचालन करने वाले में से एक केशव राव देश के कम से कम पांच राज्यों में नक्सली नेटवर्क और गतिविधियों का संचालन कर रहा था।
76 जवानों की हत्या व झीरम घाटी हमले में थी अहम भूमिका
6 अप्रैल 2010 को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के चिंतलनार क्षेत्र में नक्सलियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर घात लगाकर भीषण हमला किया था। इस हमले में 76 सीआरपीएफ जवानों सहित छत्तीसगढ़ पुलिस का एक अधिकारी बलिदान हुए थे। इसके बाद, 25 मई 2013 को झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के काफिले को निशाना बनाकर नक्सलियों ने हमला किया, जिसमें पार्टी के कई शीर्ष नेताओं की मौत हो गई थी। इन दोनों जघन्य हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने में बसव राजू उर्फ नंबाला केशव राव की अहम भूमिका मानी जाती है।
बसव राजू उर्फ नंबाला केशव राव कौन था?
बसव राजू, जिसे नंबाला केशव राव के अलावा गगन्ना, विजय, नरसिम्हा रेड्डी, प्रकाश और कृष्णा जैसे कई नामों से जाना जाता था। 2018 में गणपति की जगह सीपीआई (माओवादी) का महासचिव बना था। लगभग 70 साल के बसवा राजू का मूल निवास आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के जियन्नापेटा गांव में था। वह पिछले लगभग 35 वर्षों से नक्सली संगठन की केंद्रीय समिति का सक्रिय सदस्य रहा। देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बने इस खूंखार नक्सली पर सरकार ने 1.5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
बसव राजू उर्फ नंबाला केशव राव ने की थी इंजीनियरिंग की पढ़ाई
राजू ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाॅजी (एनआईटी) वारंगल से बीटेक की पढ़ाई की थी। वर्ष 1970 में उसने अपना घर छोड़ दिया और नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हो गया। लेकिन नक्सली विचारधारा से जुड़ने से पहले बसव राजू उर्फ नंबाला केशव राव एक होनहार खिलाड़ी था। स्कूल और जूनियर कॉलेज के दिनों में वह कबड्डी खेला करता था। नक्सली कैडर में राजू को सबसे शिक्षित और रणनीतिक सोच वाला नेता माना जाता था। वह देश के कम से कम पांच राज्यों में नक्सली नेटवर्क और गतिविधियों का संचालन कर रहा था।
अबूझमाड़ में नक्सलवाद को गहरी चोट लगी : उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा
इस मुठभेड़ को लेकर छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि अबूझमाड़ में नक्सलवाद को गहरी चोट लगी है। नक्सली संगठन के शीर्ष नेतृत्व ढेर हुआ है। देश भर में चल रहे नक्सल संगठन के प्रमुख और माओवादी संगठन के जनरल सेक्रेटरी नम्बाला केशव राव बसव राजू उर्फ नंबाला केशव राव उर्फ गगन्ना को डीआरजी के जवानों ने मुठभेड़ में मार गिराया। देश भर में नक्सल संगठन के संचालन की जिम्मेदारी बसवा राजू पर थी। नक्सलवाद और नक्सल मोर्चे पर जवानों को ऐतिहासिक सफलता मिली है। डीआरजी के जवानों ने नक्सल मोर्चे पर इतिहास रचा है। जिस नक्सली नेता की देश भर की सुरक्षा एजिंसीयो को तलाश थी उसे डीआरजी के जवानों ने मार गिराया है।
इस ऐतिहासिक सफलता पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुरक्षाबलों को बधाई दी और कहा कि नक्सल मोर्चे पर लगातार सफलता मिल रही है। 27 से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। यह ऑपरेशन नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी पुलिस बल की बहादुरी की सराहना की और कहा कि मैं छत्तीसगढ़ पुलिस को इस ऐतिहासिक ऑपरेशन के लिए बधाई देता हूं। बसवराजू जैसे खूंखार नक्सली का खात्मा, देश के लिए एक बड़ी राहत है।
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