बीजिंग में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के अंतरराष्ट्रीय विभाग के मंत्री ल्यू जियानचाओ के साथ इशाक डार
भारत के पड़ोस में बसा जिन्ना का इस्लामी देश आपरेशन सिंदूर में जबरदस्त पिटने के बाद, अपना दुखड़ा रोने आका चीन के पास पहुंचा है। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार तीन दिन की सरकारी यात्रा पर बीजिंग में गए तो ‘द्विपक्षीय’ मामलों पर चर्चा करने, लेकिन अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार, वे वहां हर चीनी नेता के सामने आधे से ज्यादा झुककर सलाम बजाते हुए उनकी ‘मदद’ के लिए शुक्रिया अदा करते ही देखे गए हैं। पाकिस्तान के सरकारी मीडिया की रिपोर्ट है कि उनके उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने ‘पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का दृढ़ता से समर्थन करने के लिए चीन की सराहना’ की है।
आज सुबह जिन्ना के देश के विदेश मंत्री डार ने बीजिंग में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के अंतरराष्ट्रीय विभाग के मंत्री ल्यू जियानचाओ से मुलाकात की। इस बात में भी आपरेशन सिंदूर ही छाया रहा। डरे पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने ल्यू से ‘क्षेत्रीय स्थिरता’ पर बात की और जोर दिया कि इसे सुनिश्चित करने के लिए भारत पर दबाव बनाया जाए। लेकिन डार को तब मुंह की खानी पड़ी जब ल्यू ने ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया।
दोनों नेतओं की चर्चा के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया गया। इसके अनुसार, दोनों ने पाकिस्तान और सीपीसी के राजनीतिक दलों के बीच ‘संबंधों को और गहरा करने’ पर सहमति व्यक्त की। ल्यू ने दोहराया कि “ऑल-वेदर स्ट्रेटेजिक कोऑपरेटिव पार्टनर” और “आयरनक्लैड फ्रेंड” के नाते चीन पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को ‘प्राथमिकता’ देना जारी रखेगा।
डार की यह चीन यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब जिन्ना का देश आपरेशन सिंदूर में भारत से बुरी तरह परास्त होकर मुंह छुपाए घूम रहा है। उसे बस तीन देशों से राहतभरा बयान सुनने को मिला है और ये तीन देश हैं, चीन, तुर्किए और अजरबैजान। कश्मीर में पहलगाम में जिहादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के अंदर चल रहे लश्करे तैयबा और जैशे मोहम्मद के आतंकी कैंपों को 9 जगहों पर सटीक प्रहार करके धूल में मिला दिया। इसके बाद जिन्ना के देश ने सैन्य शैतानी करते हुए भारत के रिहायशी इलाकों और धार्मिक स्थलों पर ड्रोन हमले किए जिन्हें भारत के डिफेंस सिस्टम ने रास्ते में ही मार गिराया।
इस हार को पाकिस्तान अपने ‘मित्र’ देशों के सामने भले जीत कर पेश करता है लेकिन उपग्रह चित्र और विशेषज्ञ साबित कर चुके हैं कि पाकिस्तान को बहुत गहरी चोट लगी है। इस परिदृश्य के बीच डार बीजिंग पहुंचे हैं क्योंकि, भारत ने स्पष्ट कहा है कि आपरेशन सिंदूर खत्म नहीं, स्थगित हुआ है और अब अगर कोई आतंकवादी घटना हुई तो उसे एक्ट आफ वॉर मानकर कड़ा जवाब दिया जाएगा।
10 मई को पाकिस्तान के भारत के सामने गिड़गिड़ाने के बाद हुए संघर्षविराम के बाद से पाकिस्तानी नेताओं के माथे पर बल पड़ा हुआ है कि न जाने कब भारत अपनी जबरदस्त सैन्य क्षमता के साथ एक बार फिर उनकी कमर तोड़ दे। भारत ने रुख जीरो टॉलरेंस वाला है। पाकिस्तान की सत्ता अधिष्ठान गीदड़भभकियां देकर अपनी अवाम को गलतफहमी में रखने में जुटा है। जिन्ना के देश का फौजी कमांडर डर के मारे बंकर में जा छिपा था, लेकिन पाकिस्तान में मुख्य मार्गों पर उसके फोटो वाले बैनर लटकाकर उसे ‘बहादुर’ दिखाया जा रहा है।
बहरहाल, अपनी चीन यात्रा में अब डार अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मिलने वाले हैं। उनके साथ भी वे ‘दक्षिण एशिया में उभरती क्षेत्रीय स्थिति और शांति’ पर बात करने वाले हैं। यानी एक बार फिर भारत से रक्षा करने के लिए वांग के हाथ—पैर जोड़ने वाले हैं। पाकिस्तानी मीडिया बता रहा है कि ‘दोनों पक्ष पाकिस्तान-चीन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण स्पेक्ट्रम की समीक्षा करेंगे और आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।’
उधर चीन भारत के प्रति कोई कड़ा बयान देने से बच रहा है। इसके मायने हैं कि भारत का कूटनीति तंत्र पूरी सक्रियता से अपने काम को अंजाम दे रहा है। डार के बीजिंग पहुंचने वाले दिन ही चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि चीन और पाकिस्तान रणनीतिक सहयोगी साझीदार हैं। चीन भारत और पाकिस्तान, दोनों के साथ संवाद बनाए रखने का हामी है। वह चाहता है कि संघर्षविराम स्थायी हो। प्रवक्ता निंग के अनुसार, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने में बीजिंग रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
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