ओडिशा

ओडिशा : राज्य सरकार ने शुरु किया अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान

ओडिशा सरकार ने अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान और निष्कासन के लिए व्यापक अभियान शुरू किया। तटीय जिलों में विशेष फोकस के साथ, क्राइम ब्रांच की स्पेशल टास्क फोर्स इसकी अगुवाई करेगी।

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डॉ. समन्वय नंद

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान और उन्हें देश से निष्कासित करने के उद्देश्य से एक बड़ा अभियान शुरू किया है। राज्य के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने इस संबंध में जानकारी दी।

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि बिना वैध दस्तावेजों के कोई भी विदेशी नागरिक ओडिशा में नहीं रह सकेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है। प्रत्येक ज़िले में पहचान प्रक्रिया सुव्यवस्थित तरीके से की जाएगी।

मंत्री ने बताया कि तकनीकी विभागों और प्रशासनिक एजेंसियों के साथ प्रारंभिक विचार-विमर्श हो चुका है ताकि किसी भी स्तर पर बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और उनकी सरकारी परियोजनाओं में संलिप्तता रोकी जा सके। उन्होंने आगे कहा कि इंजीनियरिंग एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी अवैध नागरिक को काम पर न रखें। सभी एजेंसियों को अपने-अपने यहाँ काम कर रहे लोगों की विस्तृत जानकारी सौंपनी होगी।”

इस अभियान की अगुवाई ओडिशा क्राइम ब्रांच की स्पेशल टास्क फोर्स करेगी, जो ज़िला प्रशासन, तटीय सुरक्षा बलों और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करेगी। विशेष रूप से बालेश्वर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी और गंजाम जैसे तटीय ज़िलों को चिन्हित किया गया है, जहाँ हाल के वर्षों में अवैध बांग्लादेशी बस्तियों में वृद्धि देखी गई है।

ज़िलाधिकारियों और स्थानीय प्रशासनिक इकाइयों को एसटीएफ के साथ पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें आवश्यक मानव संसाधन और लॉजिस्टिक सहायता शामिल है, ताकि पहचान और निष्कासन की प्रक्रिया समयबद्ध रूप से पूरी हो सके।

एसटीएफ के डीआईजी पिनाक मिश्रा ने बताया कि अभियान की तैयारी जोरों पर है। उन्होंने कहा कि ओडिशा की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए, जो पश्चिम बंगाल से सटी हुई है और पश्चिम बंगाल की सीमा सीधे बांग्लादेश से लगती है, अवैध घुसपैठ की संभावना बनी रहती है, चाहे वह जल मार्ग से हो या सड़क मार्ग से। इसी वजह से सभी प्रवेश बिंदुओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

सरकारी अधिकारियों ने यह भी कहा कि अवैध घुसपैठियों की उपस्थिति न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि इससे सामाजिक सौहार्द्र भी प्रभावित हो सकता है और आंतरिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है। यह कार्रवाई देश के अन्य हिस्सों में अवैध विदेशी नागरिकों को लेकर बढ़ती चिंता के बीच ओडिशा सरकार की ओर से एक स्पष्ट और सख्त संदेश है कि राज्य को अवैध प्रवासियों की सुरक्षित शरणस्थली नहीं बनने दिया जाएगा।

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