उत्तराखंड

उत्तराखंड: मुरादाबाद-काशीपुर हाईवे पर बनी अवैध मस्जिद और मजारों पर प्रशासन ने चलाया बुल्डोजर

काशीपुर-मुरादाबाद हाईवे चौड़ीकरण के लिए NHAI ने मस्जिद, मजार, कब्रिस्तान को ध्वस्त किया। स्थानीय लोगों ने विरोध किया, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई जारी रखी।

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उत्तराखंड ब्यूरो

काशीपुर : मुरादाबाद से काशीपुर के बीच बन रहे हाईवे की जद में आ रहे मस्जिदों, मजारों और अन्य धार्मिक संरचनाओं को स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद एन एच और प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।

दरअसल, इस 4 लेन हाईवे का चौड़ीकरण किया जा रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों ने पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर साथ एक मजार और एक कब्रिस्तान को ध्वस्त कर दिया। इस अतिक्रमण की आड़ में सड़क किनारे पेड़  नीचे कुछ मंदिरों को भी हटाया गया। एन एच अधिकारियों का कहना है कि चौड़ीकरण का काम अभी जारी है, ऐसे में टूटने वाले धार्मिक संरचनाओं की संख्या में भी इजाफा हो सकता है।

सुबह-सुबह हुई इस कार्रवाई के दौरान लोगों ने विरोध भी किया। गांव उस्मानपुर में लोगों ने इसके विरोध में हंगामा भी किया।
शिव मंदिर पर बुलडोजर चलाए जाने के विरोध में स्थानीय लोगों ने नारेबाजी की। जिस तरह मंदिर की मूर्तियों को हटाया गया उसे लोगों ने देवी देवताओं का अपमान बताते हुए इसका विरोध किया। हालांकि, पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने पर लोग किसी तरह शांत हुए।

उधर डिलारी थाना क्षेत्र में हाईवे पर अभियान चलाया गया। क्षेत्र के एसडीएम प्रीति सिंह और सीओ रुद्र कुमार सिंह की उपस्थिति में भारी पुलिसबल और पीएसी के साथ अभियान शुरू किया गया। हाईवे चौड़ीकरण के लिए पहले से ही एनएचएआई ने बीच में आ रहे सभी निर्माणों को चिह्नित करके उन पर लाल निशान लगा दिए हैं। हाईवे चौड़ीकरण के लिए इन सभी को तोड़ा जाना है।

रघुनाथपुर बस स्टेंड, सुल्तानपुर दोस्त चौराहे पर स्थित मंदिर को भी मूर्ति हटाने के बाद हटा दिया गया। गांव उस्मानपुर मजार को हटा दिया गया। यहां स्थित मंदिर को हटाने का भाकियू के तहसील उपाध्यक्ष सोमवीर सिंह आदि ने यह कहकर विरोध किया कि यह मंदिर खतौनी में दर्ज है। उन्होंने धार्मिक स्थल का मुआवजा देने की मांग की। वहीं कुछ ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से समय देने की मांग की। ताकि वे स्वयं मंदिर को हटा सके। लेकिन पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें समझा बुझाकर मूर्तियां हटवाई और मंदिर को जेसीबी से हटा दिया।

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