अटलांटिक महासागर के उत्तरी तट पर, उत्तरी अमेरिका के देश गयाना में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय कई पीढ़ियों से वहां रह रहा है। यह समुदाय आज भी वहां अपनी परंपराओं और त्योहारों के माध्यम से सनातन का प्रचार-प्रसार कर रहा है। इसी गयाना के स्पार्टा नगर में बजरंग बली की दिव्य-भव्य प्रतिमा स्थापित की गई हैं। 16 फीट ऊंची इस प्रतिमा के नयनाभिराम दर्शन कर जहां भारतीय समुदाय में आनंद की लहर है तो वहीं देश के अन्य मतावलंबी भी बजरंग बली के दर्शन कर खुद को धन्य मान रहे हैं। यह प्रतिमा स्थानीय ‘सीता राम राधे श्याम मंदिर’ में विराजी है। स्पार्टा के एक धनी-मानी परिवार, सूकलाल ने बजरंग बली की इस दिव्य प्रतिमा को भारत में बनवाकर मंगाया है। सूकलाल परिवार ने अपने बुजुर्गों की स्मृति में इसे स्थापित करके मंदिर को और दिव्य रूप प्रदान किया है।
गयाना स्थित भारतीय उच्चायोग इस प्रतिमा की स्थापना को लेकर मददगार रहा है। प्रतिमा स्थापित होने पर खुशी जताते हुए उच्चायोग की ओर से बयान जारी करके कहा गया है कि हनुमान जी की यह प्रतिमा इस देश में भारत और भारतवासियों के भरोसे, दोस्ती तथा मजबूत इरादे को झलकाती है। सीता राम राधे श्याम मंदिर स्पार्टा के एस्सेक्विबो तट पर स्थित है। यहां हिन्दू समुदाय पूजा-अर्चना करता है और सामूहिक रूप से अपने तीज त्योहार मनाता है। बजरंग बली की इस 16 फीट की प्रतिमा चारों और भक्ति और आकर्षण का केन्द्र बनी है। भारत के उच्चायोग की ओर से ही बताया गया है कि बजरंग बली की इस प्रतिमा को यहां के सूकलाल परिवार ने मंदिर को अर्पित किया है और यह भारत में बनवाकर यहां लाई गई है।
प्रतिमा की स्थापना सनातन पद्धति से की गई है। प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व 16 मई को तीन दिन के यज्ञादि अनुष्ठान चले। इस मौके पर हिन्दू समुदाय ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। 18 मई को यज्ञ-अनुष्ठान के निर्विघ्न पूर्ण होने पर प्रतिमा को दर्शनार्थ अनावृत्त किया गया। इस मौके पर अनेक सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन हुए। भक्तिपूर्ण भजन संध्या हुई तथा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं।
भारतीय उच्चायोग ने इस सुंदर आयोजन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं। बजरंग बली खड़े होकर सबको आशीर्वाद देते दर्शन दे रहे हैं। दूतावास ने प्रभु हनुमान से प्रार्थना की है कि गयाना-भारत के संबंधों में और मधुरता आए, इसके लिए प्रभु मार्ग दिखाएं और अपनी कृपा बनाए रखें।
नवंबर 2024 में जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गयाना के दौरे पर गए थे तब वहां उन्होंने भारतवंशियों के योगदान का उल्लेख करते हुए गयाना में लघु भारत का दर्शन होने की बात की थी। उल्लेखनीय है कि भारतवंशियों ने उस देश में राजनीति, कारोबार, शिक्षा तथा संस्कृति के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और एक गरिमामयी उपस्थिति बनाई हुई है। उसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ‘मन की बात’ संबोधन में यह भी कहा था कि लगभग 180 वर्ष पूर्व भारत से बड़ी संख्या में लोग में खेती व अन्य कार्यों के लिए गयाना ले जाए गए थे। गयाना के राष्ट्रपति हैं डॉ. इरफान अली, जो खुद भी भारतीय मूल के ही हैं। डॉ. अली को अपनी भारतीय जड़ों पर गर्व है।
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