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Operation Sindoor: सरकार ने रक्षा बलों के लिए हथियार खरीद के लिए आपातकालीन खरीद शक्तियों को दी मंजूरी

पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने रक्षा बलों के लिए 40,000 करोड़ की आपातकालीन हथियार खरीद को मंजूरी दी।

Published by
Kuldeep singh

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेनाओं के द्वारा छेड़े गए ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पर तनाव की स्थितियों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत सरकार ने आपातकालीन खरीद शक्तियों को मंजूरी दे दी है। इससे रक्षा बलों को हथियारों की खरीद के लिए अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपए की बड़ी मदद मिलने वाली है।

समाचार एजेंसी एएनआई ने रक्षा अधिकारियों के हवाले से ये दावा किया है। रक्षा अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक हुई थी, जिसमें रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों समेत सेना के बड़े अधिकारी शामिल हुए। इसी दौरान आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए खरीद को मंजूरी दे दी गई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करके सेना लंबू दूरी के लाइटरिंग म्यूनिशन और तोप, कामिकाजी ड्रोन, निगरानी ड्रोन के साथ ही मिसाइलों और रॉकेटों के लिए जरूरी उपकरण और गोला बारूद खरीदने की तैयारी में है।

पांच साल में आपातकालीन शक्तियों की पांचवी किस्त

भारत सरकार रक्षा के क्षेत्र में दीर्घकालिक योजनाओं को ध्यान में रखकर कार्य कर रहा है और इस मामले में रक्षा मंत्रालय और सेना के अधिक औद्योगिक नेतृत्वों से लगातार मिल रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी सरकारी डिफेंस कंपनियों के अलावा प्राइवेट क्षेत्र की सोलर एय़र डिफेंस जैसी कंपनियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। बीते वर्षों में इन्हीं आपातकालीन खरीद शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए बड़ी खरीद की है, जिससे सामरिक मोर्चे पर खासी मदद मिल रही है। इसी के तहत इंडियन आर्मी और एयरफोर्स ने हेरॉन ड्रोन की खरीद की थी, जिसका इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किया गया था।

इसके अलावा रैम्पेज मिसाइलों की खरीद भी इन्हीं शक्तियों के तहत की गई थी, जिससे पाकिस्तान पर हमले किए गए थे। गौरतलब है कि सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। ऐसे में सेना की यह रक्षा खरीद बड़ी सहायक होगी।

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