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रोहिंग्याओं को समुद्र में फेंकने के दावे पर SC ने लगाई फटकार, कहा – देश मुश्किल हालात में और आप रोज नई कहानियां ला रहे

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रोहिंग्या से जुड़े एक मामले पर सुनवाई टलती है, आप दूसरा मामला लेकर आ जाते हैं। जब देश मुश्किल हालात से गुजर रहा है, तब इस तरह की कहानियां कोर्ट में लाई जा रही हैं।

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WEB DESK

नई दिल्ली, (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या को म्यांमार डिपोर्ट करते समय उन्हें अंदमान में समुद्र में ड्रॉप करने के आरोपों का याचिकाकर्ताओं से आधार पूछा। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्वेस को जमकर फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि ये सब कौन देख रहा था। कौन रिकॉर्ड कर रहा था। आप इसका सबूत लेकर आइए।

सुनवाई के दौरान गोंजाल्वेस ने कहा कि 43 रोहिंग्या शरणार्थियों को जिसमें बच्चे, महिलाएं और बीमार, बुजुर्ग भी शामिल थे। उन्हें जबरन म्यांमार डिपोर्ट किया गया। उन्हें अंदमान समुद्र में ड्रॉप कर दिया गया था, आज वो वार जोन में हैं। तब जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ये सब कौन देख रहा था। कौन रिकॉर्ड कर रहा था। आप रोज-रोज नई कहानियां लेकर आ जाते हैं। आप जो बता रहे हैं, उसका आधार क्या है। सबूत दिखाइए कि ऐसा हुआ है। रोहिंग्या से जुड़े एक मामले पर सुनवाई टलती है, आप दूसरा मामला लेकर आ जाते हैं। कोर्ट ने कहा कि जब देश मुश्किल हालात से गुजर रहा है, तब इस तरह की कहानियां कोर्ट में लाई जा रही हैं।

गोंजाल्वेस ने कहा कि याचिकाकर्ता दिल्ली में है और उसके भाई को निर्वासित कर दिया गया है। उसे फोन पर सूचना मिली है, जिसका नंबर सरकार से सत्यापित कराया जा सकता है। तब कोर्ट ने कहा कि अगर आप वाकई इन गरीब लोगों की मदद करना चाहते हैं, तो पहले कोई ठोस जानकारी जुटाइए और फिर हमारे सामने रखिए।

 

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