विश्व

पाकिस्तान: इस्लामिक मुल्क में ही 51 साल से अहमदिया मुस्लिमों पर जुल्म, अब हद पार

दुनिया में आतंकियों की सप्लाई करने वाला पाकिस्तान अपने लोगों पर भी जुल्म करता है

Published by
Sudhir Kumar Pandey

इस्लामाबाद। भारत के पहलगाम में अटैक के साथ ही पाकिस्तान का क्रूर चेहरा दुनिया ने एक बार फिर देखा। धर्म पूछकर हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया गया। इससे पहले पाकिस्तानी सेना के प्रमुख आसिम मुनीर नें हिंदू और मुस्लिमों को लेकर नफरत फैलाने वाला बयान दिया था। पाकिस्तान घृणा की नींव पर बना और वह दुनियाभर में नफरत फैला रहा है। लेकिन, ये घृणा अपनों को ही कैसे खा जाती है, इसका उदाहरण भी पाकिस्तान से सामने आ रहा है। दुनिया में आतंकियों की सप्लाई करने वाला पाकिस्तान अपने ही लोगों पर जुल्म ढाता है।

पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय पर हिंसा की खबरें आए दिन आती रहती हैं। उन्हें मस्जिदों में नमाज पढ़ने से रोका जाता है तो उनकी कब्रों को भी नुकसान पहुंचाया जाता है। शुक्रवार को अहमदिया समाज के प्रसिद्ध डॉक्टर शेख महमूद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना पंजाब प्रांत के सरगोधा की है। बताया जा रहा है कि डा. शेख महमूद उदारवादी थे। वह सरकारी नौकरी करते थे, लेकिन कट्टरपंथियों के दबाव में उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी थी।

साठ और सत्तर के दशक में शुरू हुआ गंदा खेल

यह पहली घटना नहीं है जब पाकिस्तान में अहमदिया को निशाना बनाया गया हो। यह काम साठ और सत्तर के दशक से शुरू हो गया था। वर्ष 1974 में पाकिस्तान की संसद ने अहमदिया समुदाय के खिलाफ गैर मानवतावादी कदम उठाया। उन्हें मुस्लिम मानने से ही इंकार कर दिया। संसद से अहमदिया को गैर मुस्लिम घोषित कर दिया गया। इसके बाद से वे कानूनी भेदभाव का शिकार होना शुरू हो गए।

गैर मुस्लिम घोषित किए जाने के बाद उनके मजहबी अधिकार सीमित हो गए। वे मजहबी प्रथाओं में खुलकर शामिल नहीं हो सकते हैं। इस भेदभाव के साथ ही लक्षित करके उन पर हमले भी किए जाते हैं। इसी साल अप्रैल में कराची से ही एक घटना सामने आई। कराची के सदर इलाके में इबादत स्थल के पास अहमदिया समुदाय के एक व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला गया। वह शख्स भीड़ का वीडियो बना रहा था। इसी दौरान भीड़ ने उसे पीटा। वह जब नीचे गिर गया तो उसे पैरों से कुचला गया। इसमें तहरीके लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों का हाथ सामने आया। दिसंबर 2024 में रावलपिंडी में एक अहमदिया मुस्लिम को कुल्हाड़ी से काट डाला गया।

मस्जिदों और कब्रिस्तान पर हमले 

अहमदिया से मुसलमानों का दर्जा दशकों पहले छीन लिया गया तो उन्हें अब मस्जिदों में इबादत करने का अधिकार नहीं है। इसलिए उनकी मस्जिदों को तोड़ दिया जाता है। वर्ष 2023 में कराची में ही अहमदिया मस्जिद तोड़ दी गई। वर्ष 2024 में पााकिस्तान के पंजाब में पुलिस ने कट्टरपंथियों के दबाव में अहमदिया इबादतगाहों की मीनारें तोड़ीं। कब्रों को भी निशाना बनाया जाता है। उनकी कब्रों को नुकसान पहुंचाते हैं। अभी हाल ही में दो-तीन दिन पहले पाकिस्तान के पंजाब के खुशाब में अहमदियों की 100 कब्रें तोड़ दी गईं। इस साल अब तक 11 शहरों में 269 कब्रों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है।

मानवता की जमीन को ऊसर कर रहा पाकिस्तान

आतंक और कट्टरता और नफरत की फसल बोकर मानवता की जमीन को ऊसर बनाने वाले पाकिस्तान पहलगाम अटैक के बाद एक बार फिर पूरी दुनिया में बेनकाब हुआ। भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने यह भी बता दिया कि पाकिस्तान के पास न तो शस्त्र हैं और न ही नैतिक बल। वह सिर्फ और सिर्फ दुनिया को घाव दे सकता है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने खुद कई बार इस पर मुहर लगाई है।

 

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