राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से कार्य कर रही है। साथ ही नशा मुक्त राजस्थान की दिशा में भी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। इसी क्रम में पान मसाला व ज़र्दा उत्पादक इकाइयों पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए जीएसटी चोरी का एक संगठित गिरोह बेनकाब किया गया है।
कोटा-नागौर में 120 घंटे की GST रेड
राज्य कर विभाग की एसजीएसटी प्रवर्तन शाखा ने कोटा और नागौर के 9 ठिकानों पर पांच दिन लगातार छापेमारी की, जो 120 घंटे तक चली। इस कार्रवाई में 30 से अधिक अधिकारियों की टीमों ने हिस्सा लिया और करीब 1580 करोड़ रुपये की कर चोरी उजागर की।
बिना बिल और ई-वे बिल के देशभर में पान मसाला और ज़र्दा की आपूर्ति
छापेमारी में यह सामने आया कि पान मसाला और ज़र्दा के उत्पादकों ने लगभग 90% उत्पादन बिना बिल और ई-वे बिल के देशभर में आपूर्ति किया, जबकि केवल 8 से 10 प्रतिशत उत्पादन ही कागजों में दर्ज किया जाता था। यह माल तमिलनाडु, असम, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश और दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में निर्बाध भेजा जा रहा था।
अवैध सामग्री और कैंसर कारक सिंथेटिक कत्था बरामद
रेड के दौरान लगभग 600 कट्टों में कैंसर कारक सिंथेटिक कत्था जैसा पदार्थ जब्त किया गया, जिसे स्वास्थ्य के लिए घातक माना गया है। इसके अतिरिक्त भारी मात्रा में बिना इनवॉइस कच्चा माल, पान मसाला, तंबाकू एक्सट्रैक्ट, एसेंस, पैकिंग सामग्री और चार ट्रकों में लदा हुआ माल भी जब्त किया गया। इन ट्रकों में राज निवास ब्रांड के पाउच भरे हुए थे।
मास्टरमाइंड कमल नागोरी गिरफ़्तार
कर चोरी प्रकरण में मास्टरमाइंड कमल नागोरी उर्फ कमल किशोर अग्रवाल और गौरव ढाका निवासी बागपत, गाज़ियाबाद को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को न्यायालय ने 28 मई तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। कमल नागोरी पहले भी अगस्त 2020 में केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई में जेल जा चुका है और पिछले दस वर्षों से इस संगठित कर चोरी नेटवर्क का संचालन कर रहा था।
कोटा की फैक्ट्रियां – हाइटेक सुरक्षा और गुप्त नेटवर्क
कोटा औद्योगिक क्षेत्र की तीन बड़ी फैक्ट्रियों में 24 घंटे पान मसाला और ज़र्दा का उत्पादन हो रहा था। इन फैक्ट्रियों में सुरक्षा के लिए 50-50 बाउंसर तैनात थे और इतनी सख्त निगरानी थी कि कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता था। विभाग को इस संगठित कर चोरी के नेटवर्क को तोड़ने के लिए गुप्त सूचनाओं, अत्याधुनिक तकनीक और रणनीति का सहारा लेना पड़ा।
कर चोरी के सबूत, अघोषित गोदाम, और जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जांच जारी
विभागीय टीमों ने जब्त माल और अघोषित गोदामों की जांच शुरू कर दी है। जांच में यह सामने आया है कि इस गिरोह से जुड़ी कई फर्मों के अलग-अलग रजिस्ट्रेशन राजस्थान में सक्रिय हैं। इन इकाइयों के परिसरों को सील कर दिया गया है और लेन-देन का विश्लेषण किया जा रहा है, जिससे यह संभावना है कि कर चोरी का आंकड़ा 1500 करोड़ से भी अधिक हो सकता है।
नामचीन ब्रांड, उत्पादन छुपा, देशभर में सप्लाई
राजस्थान में स्थित यह एकमात्र पान मसाला और ज़र्दा उत्पादन यूनिट है, जिसमें एक नामचीन ब्रांड का माल तैयार होता है। विभाग को लंबे समय से सूचनाएं मिल रही थीं कि इस ब्रांड का अधिकांश उत्पादन बिना बिल देशभर में सप्लाई किया जा रहा है, जबकि लेखा पुस्तकों में उसका छोटा हिस्सा ही दर्ज किया जाता है।
नौ टीमों का गठन, जयपुर, कोटा, अजमेर संभाग के अधिकारी शामिल
इस कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए एसजीएसटी विभाग द्वारा नौ टीमों का गठन किया गया, जिनमें प्रवर्तन अधिकारियों के अलावा ज़ोनल, तकनीकी और स्थानीय अधिकारी भी शामिल थे। कार्रवाई का संचालन मुख्य सचिव (वित्त-राजस्व) कुमार पाल गौतम के निर्देशन में किया गया। विशेष आयुक्त जयदेव सीएस, अतिरिक्त आयुक्त बाबूसिंह सहित विभाग के सभी उपायुक्त, सहायक आयुक्त, जेसीटीओ, तकनीकी सहायक और तीनों संभागों के अधिकारियों ने विशेष भूमिका निभाई।
सरकार का कड़ा रुख: आगे भी होंगी ऐसी कार्रवाइयां
मुख्य आयुक्त कुमार पाल गौतम ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की नीति कर चोरी और भ्रष्टाचार के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की है। आगे भी ऐसी सख्त और निरोधक कार्रवाइयां की जाएंगी। यह कार्रवाई पान मसाला और ज़र्दा उत्पादकों के लिए स्पष्ट संदेश है कि अब कोई भी अवैध गतिविधि सरकार की निगरानी से बाहर नहीं है। यह कार्रवाई न केवल कर चोरी के विरुद्ध है बल्कि नशा मुक्त राजस्थान के संकल्प की ओर एक बड़ा कदम भी है।
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