संदीप घोष (फाइल फोटो)
कोलकाता, (हि.स.) । आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत और हत्या की गुत्थी अब और भी गहराती जा रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को इस जघन्य अपराध के पीछे आर्थिक भ्रष्टाचार से गहरा जुड़ाव होने का संदेह है। जांच एजेंसी का मानना है कि कॉलेज में पहले से चल रही वित्तीय अनियमितताओं और इस भयावह घटना के तार आपस में जुड़े हो सकते हैं।
सीबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक, युवती के साथ हुई बलात्कार और हत्या की वारदात में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी अफसर अली खान, सुमन हाजरा और बिप्लव सिन्हा की भूमिका संदिग्ध है। एजेंसी ने इन तीनों को संदीप घोष के वित्तीय घोटालों में सहयोगी बताया है, और अब ये संदेह गहराया है कि इनका इस हत्याकांड में भी अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से कोई हाथ हो सकता है।
जांच में जुटी सीबीआई टीम ने हाल ही में आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े बलात्कार-हत्या कांड में 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया है और अब तक 12 नए लोगों के बयान दर्ज किए हैं। एजेंसी को मिले कुछ सुराग इस ओर इशारा कर रहे हैं कि इस अपराध को अंजाम देने वालों और कॉलेज में हुए आर्थिक भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के बीच कोई न कोई कड़ी ज़रूर है।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2024 के अगस्त में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोप में तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष को ईडी ने गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें बलात्कार-हत्या मामले में भी गिरफ्तार किया गया। अब जांच में ये संकेत मिल रहे हैं कि दोनों मामलों के पीछे एक संगठित और प्रभावशाली नेटवर्क काम कर रहा था।
सीबीआई के इस नए दृष्टिकोण से मामले को लेकर गंभीरता और बढ़ गई है। जांच एजेंसी अब इन दोनों मामलों को एक साथ जोड़कर आगे की पड़ताल कर रही है और यह आशंका जताई जा रही है कि मेडिकल कॉलेज के भीतर एक गहरी साजिश रची गई थी, जिसमें आर्थिक लाभ के साथ-साथ भयावह अपराध को भी अंजाम दिया गया।
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