भारत सरकार ने सुरक्षा की दृष्टि से गुरुवार को बड़ा एक्शन लिया है। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने गुरुवार (15 मई) को तुर्किये की कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी। बीसीएएस की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से तुर्की की कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द की गई है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक सेलेबी में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की बेटी की हिस्सेदारी को लेकर संदेह है। सेलेबी भारत में मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद सहित आठ एयरपोर्ट्स पर बैगेज हैंडलिंग, रैंप सर्विस, कार्गो हैंडलिंग जैसी सेवाएं देती रही है।
पाकिस्तान के साथ संघर्ष में तुर्किये भारत के खिलाफ खड़ा था, जिससे पूरे देश में उसको लेकर आक्रोश है। भारत के व्यापारी और आम जनता तुर्किये से सेब खरीदने से लेकर ट्रैवल तक सभी चीजों का विरोध कर रहे हैं। देशभर में तुर्किये और अजरबैजान के बॉयकॉट का ट्रेंड चल रहा है। भारत के कई शहरों में विरोध में पुतले भी जलाए जा रहे हैं। सैकड़ों भारतीय यात्री तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा रद्द कर रहे हैं। भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी मेकमाईट्रिप के मुताबिक, अजरबैजान और तुर्की के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि सिर्फ एक हफ्ते में कैंसिलेशन में 250 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
एर्दोगन की बेटी आंशिक रूप से सेलेबी की मालिक
रक्षा विश्लेषक अभिजीत अय्यर-मित्रा ने न्यूज 18 को बताया, “मामला जितना दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा गंभीर है। हमें संदेह है कि सेलेबी कंपनी का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की बेटी सुमेये एर्दोगन के पास है। सुमेये एर्दोगन की शादी सेल्कुक बयारकतार (Selçuk Bayraktar) से हुई है, जो बायरकतार ड्रोन बनाता है। इसी ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया था। दिल्ली में सेलेबी टर्मिनल वीवीआईपी तकनीकी क्षेत्र की निगरानी करता है, जहां इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस एयरक्राफ्ट तैनात हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वीआईपी विमान भी इसके आसपास आता है। मुझे यह बताने की जरूरत नहीं है कि यह कितना चिंताजनक है।”
वहीं, एविएशन कंसल्टेंट संजय लाजर का कहना है कि विडंबना यह है कि सेलेबी को सुरक्षा मंजूरी 26/11 आतंकी हमले के बाद दी गई, उस वक्त यूपीए सरकार सत्ता में थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, “दिवंगत बालासाहेब ठाकरे जी के नेतृत्व में शिवसेना से जुड़े कई एविएशन ट्रेड यूनियनों (जिनमें हमारी भी शामिल है) ने सेलेबी के प्रवेश का कड़ा विरोध किया था…”
The Turks were granted security clearance, ironically at the peak of post 26-11 events, when the UPA govt was in power.
Many Aviation trade unions affiliated to the Shiv Sena, under late Balasaheb Thackerayji had vigorously opposed the entry of Celebi Nas as ground handlers at… https://t.co/qTl6S9kRyc
— Sanjay Lazar (@sjlazars) May 13, 2025
लाजर ने आगे कहा कि जब भी भारत के साथ टकराव के कारण यह मुद्दा सामने आया है, सेलेबी ने अपने तुर्की स्वामित्व को छुपाने की कोशिश की है।
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