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दक्षिण अफ्रीका से आए श्वेत शरणार्थी हो रहे जीनोसाइड के शिकार ?

सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे वीडियो मिलते हैं, जो काफी समय से यह बात उठा रहे थे कि दक्षिण अफ्रीका में श्वेत समुदाय जीनोसाइड का शिकार हैं। हालांकि दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने इससे इंकार किया है

by सोनाली मिश्रा
May 15, 2025, 08:43 am IST
in विश्व
सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीर

सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीर

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दक्षिण अफ्रीका में बहुत कुछ ऐसा हो रहा है, जिस पर चर्चा नहीं हो रही है। पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यह कहते हुए सनसनी मचा दी थी कि दक्षिण अफ्रीका में श्वेत समुदाय के साथ जीनोसाइड हो रहा है और वे वहाँ के श्वेत लोगों को अमेरिका में शरण देंगे।

जब इस समाचार की और गहराई मे जाते हैं तो सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे वीडियो मिलते हैं, जो काफी समय से यह बात उठा रहे थे कि दक्षिण अफ्रीका में श्वेत समुदाय जीनोसाइड का शिकार हैं। यह श्वेत समुदाय Afrikaners है, जो मुख्यतया औपनिवेशिक शक्ति डच मूल के हैं।  पिछले वर्ष ओली लंदन नामक पत्रकार ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से यह बताया था कि कैसे दक्षिण अफ्रीका श्वेत किसानों के साथ जीनोसाइड कर रहा है। कुछ पीड़ितों के नाम भी उन्होंने लिखे थे।

1) 79 वर्षीय थियो बेकरको एक गिरोह ने पीट-पीटकर मार डाला, जबकि उनकी पत्नी मार्लिंडा को भी मारा था, परंतु वे सौभाग्य से बच गई थीं।

2) 44 वर्षीय चैनटेल केरशॉ, का यौन उत्पीड़न किया गया और गला घोंटकर हत्या कर दी गई।

3) 21 वर्षीय ब्रेंडिन हॉर्नर को प्रताड़ित किया गया और मार दिया गया।

4) 51 वर्षीय एनेट केनेल को हथौड़े से पीट-पीटकर मार डाला गया।

5) 69 वर्षीय हेडली जेम्स ब्राउन, को मारने से पहले बांधकर पीटा गया।

 

🇿🇦South Africa is committing genocide against white farmers.

Yet despite committing its own genocide the country is leading the ICJ court case claiming Israel is committing a ‘genocide.’ 🇮🇱

These are some of the genocide victims in South Africa:

1) Theo Bekker, 79,… pic.twitter.com/7dk8XYVrvA

— Oli London (@OliLondonTV) January 12, 2024

 

दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने इस बात से इनकार किया कि श्वेत लोगों का जीनोसाइड हो रहा है। वहाँ पर श्वेत किसानों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है और उन्हें “जमीन के लुटेरे” की संज्ञा दी जाती है। एक वीडियो काफी वायरल है, जिसमें सड़क के किनारे श्वेत रंग के क्रॉस बने हुए हैं।लोगों का कहना है कि हर श्वेत क्रॉस हर उस श्वेत किसान का प्रतिनिधित्व करता है, जिसकी हत्या 2018-2022 के बीच हुई।

https://twitter.com/BGatesIsaPyscho/status/1886320711343448210?

ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिनमें दक्षिण अफ्रीका के बड़े नेता खुले आम गा रहे हैं कि

“मारने के लिए शूट करो, बोएर को मारो, किसान को मारो!”

boer (बोएर) का अर्थ उस डच समुदाय से है, जो दक्षिण अफ्रीका में सत्रहवी शताब्दी में आया था।

https://twitter.com/C_3C_3/status/1922111827984425183?

इस गाने के बाद काफी किसानों की बर्बरता पूर्वक हत्या की गई। यह विषय काफी अरसे से सोशल मीडिया पर चर्चा में है, परंतु मीडिया में इसकी चर्चा नहीं है। उनकी जमीनें छीन ली जाती हैं। उनके विषय में खुले आम मंचों से यह नारा लगाया जाता है कि उन्हें मारो। दक्षिण अफ्रीका की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी, द इकनॉमिक फ़्रीडम फाइटर्स के नेता जूलियस मलेना खुले आम अपने लोगों को भड़काकर कहते हैं कि “एक श्वेत व्यक्ति को कस कर मारो, जिससे उसे भयंकर दर्द का एहसास हो।“ “हम श्वेतता के गले को काट रहे हैं!”

https://twitter.com/MajUnsilenced/status/1903879875737325628?

जूलियस का कहना है कि वह ऐसा गाएंगे क्योंकि न्यायालय ने कहा है कि ऐसा गाना अपराध नहीं है। वहाँ पर कुछ नेता ऐसे भी भाषण देते हैं कि हर एक अश्वेत व्यक्ति के लिए हम पाँच श्वेत लोगों को मारेंगे, हम उनके बच्चों को मारेंगे और उनकी महिलाओं को मारेंगे। विद्यार्थी “किल द व्हाइट्स” की टीशर्ट पहनते हैं।

यहाँ तक कि दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रपति ने एक ऐसा विवादास्पद भूमि अधिग्रहण बिल स्वीकृत किया था, जिसके अनुसार श्वेत लोगों की भूमि को सरकार बिना किसी क्षतिपूर्ति के अधिग्रहित कर सकती थी। कोई प्रक्रिया नहीं, कोई भुगतान नहीं और न ही कोई सुरक्षा।

ये सभी बातें सोशल मीडिया पर हैं और खबरें भी मीडिया में हैं। परंतु विमर्श नहीं है। क्या इसलिए कि यह अश्वेतों द्वारा श्वेत समुदाय पर किया जा रहा अत्याचार है और चूंकि अश्वेत समुदाय की पीड़ित की एक छवि बनी हुई है, इसलिए वह जो कर रहा है, उसे करने दिया जाए? यह भी बात सत्य है कि जब डच लोग दक्षिण अफ्रीका में औपनिवेशिक शक्ति बनकर गए थे, तो उस समय उन्होनें वहाँ की स्थानीय आबादी का शोषण किया था, कत्लेआम किया था तथा वहाँ के प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जे का पूरा प्रयास किया था। यह सब इतिहास है और सत्य है। परंतु यह भी सत्य है कि जीनोसाइड का उत्तर जीनोसाइड नहीं होता है।

अब वहाँ पर डच समुदाय Afrikaners का सुनियोजित तरीके से जीनोसाइड हो रहा है। इसे लेकर ट्रम्प ने अपने शपथ ग्रहण के बाद ही बात की थी। ट्रम्प ने दक्षिण अफ्रीका को दी जा रही सहायता राशि भी रोक दी थी।

उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि “”यह एक ऐसा जीनोसाइड है जिसके बारे में आप लोग लिखना नहीं चाहते… श्वेत किसानों को क्रूरतापूर्वक मारा जा रहा है, और उनकी जमीनें जब्त की जा रही हैं… और समाचार पत्र, और मीडिया, और टेलीविजन मीडिया इसके बारे में बात भी नहीं करते।”

और इसके बाद ट्रम्प ने श्वेत किसानों को अमेरिका में शरण देने की बात की थी और अब वहाँ पर आज दक्षिण अफ्रीकी श्वेत शरणार्थियों का पहला जत्था पहुंचा है।

https://twitter.com/TonyLaneNV/status/1922089633979978015?

लोगों का कहना है कि यही असली पीड़ित हैं जिनके साथ जीनोसाइड हो रहा है और जो अमेरिका के कल्चर का सम्मान करेंगे। इस समुदाय ने काफी समय से लोगों से सहायता मांगी थी, मगर इस समुदाय को सहायता नहीं मिली थी।

 

 

Topics: जीनोसाइडश्वेत समुदायWhite communityदक्षिण अफ्रीकाSouth Africaडोनाल्ड ट्रंपgenocide
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