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Dove के नए विज्ञापन पर क्यों मचा है हंगामा ?

शैंपू बनाने वाली कंपनी डव का नया विज्ञापन विवादों में आ गया है, लोग इसका विरोध कर रहे हैं, जानिये क्या है वजह

by सोनाली मिश्रा
May 14, 2025, 05:49 pm IST
in विश्लेषण
डव के विज्ञापन का हो रहा विरोध

डव के विज्ञापन का हो रहा विरोध

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शैंपू एवं अन्य कई उत्पाद बनाने वाली कंपनी डव का नया विज्ञापन विवादों में है। इस विज्ञापन का लोग विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह विज्ञापन और कुछ नहीं बस महिलाओं को फैशन जगत से बाहर करने की कवायद है। डव के नए विज्ञापन में एक ट्रांस महिला अर्थात पुरुष को महिला के रूप में दिखाया गया है।

 

This is a real commercial by @Dove

Another woke company trying to erase women.pic.twitter.com/I0Dc21sTzO

— Libs of TikTok (@libsoftiktok) May 12, 2025


लोगों के भीतर इस विज्ञापन को लेकर जबरदस्त गुस्सा है। उनका कहना है कि ऐसे वोक कदमों से महिलाओं को हटाने की साजिश हो रही है। ट्रांस वुमन अर्थात वे पुरुष जो खुद को महिला मानते हैं, और अब एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है जो लगातार शारीरिक रूप से पुरुषों को महिला साबित करते हैं और फिर महिलाओं के क्षेत्र मे प्रवेश की मांग करते हैं। यह मांग लगातार बढ़ रही है। हालांकि ब्रिटेन के सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया है कि मात्र जैविक महिलाएं ही महिलाएं हैं, परंतु फिर भी इस बात को लगातार साबित करने का प्रयास किया जा रहा है कि वे पुरुष जो खुद को महिला मानते हैं और किसी सर्जरी या हार्मोनल उपचारों से खुद को महिला बना लेते हैं, वे भी महिला ही हैं। इस पर लगातार लड़ाई जारी है। यह निश्चित ही कुछ ऐसे लोगों का काम है, जो हृदय से महिला विरोधी हैं और जो लोग महिलाओं को हर क्षेत्र से हटाना चाहते हैं।

जो सामान्य नहीं है उसे सामान्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जरा सोचिए कि महिला के उत्पाद बेचने के लिए उसे चेहरा बनाया जा रहा है, जो महिला के वेष में पुरुष है। यह भी प्रश्न उठता है कि क्या महिला के उत्पादों को बेचने के लिए कोई महिला चेहरा नहीं मिला?

लोग प्रश्न कर रहे हैं कि आखिर डव को कोई सुंदर महिला चेहरा नहीं मिला? बात सुंदर महिला या असुंदर महिला की नहीं है, बात छल की है। बात और मुद्दा यह है कि जो उत्पाद पूरी तरह से महिलाओं के प्रयोग के लिए हैं, उनके लिए एक पुरुष देह और पुरुष चेहरा क्यों चाहिए, जो छल से महिला बना हुआ बैठा है?

प्रश्न यह भी उठता है कि क्या डव या डव जैसी कंपनियों के लिए महिला होना केवल हार्मोनल बातें हैं? क्या केवल महिला कुछ हार्मोन्स और कॉस्ट्यूम्स की बात है? यदि नहीं तो क्या महिला जैसे कपड़े पहनकर और कुछ हार्मोनल ट्रीटमेंट लेकर या सर्जरी के बाद पुरुष भी महिला बन जाता है? महिला होना एक नैसर्गिक वरदान है।

डेनियल रेडक्लिफ़ का एक पोस्ट वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने लिखा था कि ट्रांसजेंडर वुमन महिला ही होती हैं। इससे इतर कोई भी वक्तव्य ट्रांसजेंडर लोगों की पहचान को मिटा सकता है। मगर इस बयान के विरोध में भी लोग आए हैं। लोगों का कहना है कि ट्रांसजेंडर वुमन दरअसल पुरुष ही होते हैं।

Wrong, transgender women are men.
Any statement to the contrary erases the rights of actual women, 51% of our population… our mothers, wives, sisters & daughters.

Shut up you silly little weirdo. pic.twitter.com/wqmgzHG403

— Adam Brooks AKA EssexPR 🇬🇧 (@EssexPR) May 12, 2025

इसकों लेकर जे के रोलिंग ने भी यही कहा है कि ट्रांस वुमन दरअसल पुरुष हैं, और जो महिला होने का नाटक करते हैं। लोगों ने कहा कि डव ने इस विज्ञापन में महिला विरोध दिखाया है। जे के रोलिंग ने 28 अप्रैल को भी पोस्ट लिखा था कि ट्रांस वुमन पुरुष ही हैं और कुछ नहीं…।

'Trans women' are male.
If they weren't male they wouldn't be 'trans'.
Prejudice is an irrational fear or dislike.
It is entirely rational to state that a man is a man.
Only totalitarians and religious zealots insist that others parrot falsehoods on pain of retribution. pic.twitter.com/xTVJ9SVSlU

— J.K. Rowling (@jk_rowling) April 27, 2025

 

महिलाओं के फैशन शोज में महिलाओं के स्थान पर इन्हीं पुरुषों को भी लाया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि एक छह फुट के आदमी को यह कहकर पेश करना कि यही एक आदर्श महिला है, बहुत ही घृणापूर्ण है।

 

The fact that men like trans model Alex Consani are recruited to be fashion models for women's clothing really screws up the body image of actual female people. We don't have the same skeletons. I'll never look like a 6 foot tall anorexic man in this outfit. Presenting these… pic.twitter.com/MUVUGSRkGu

— Σ𝕏ulansic 🦎 (@TTExulansic) May 8, 2025

यह ऐसा ही है जैसे पहले पुरुष ही सिनेमा में महिला के किरदार निभाते थे। परंतु वह इसलिए क्योंकि उस समय महिलाएं बाहर निकलने से डरती थीं और उन्हें लगता था कि अभिनय आदि सम्मानजनक पेशे नहीं हैं। परंतु जब महिलाओं ने अपनी पहचान से जुड़े पेशों में काम करना आरंभ किया, तो उन्होंने नए आयाम दिए।

अब जब महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपना नाम किया है तो एक ऐसे वर्ग का उदय हुआ, जिसने पहले महिलाओं को उनके महिला होने से घृणा करवाई अर्थात फेमिनिस्ट वर्ग और उसके बाद उसी वर्ग ने यह विस्तार किया कि जैविक महिलाओं को अपना दिल बड़ा रखना चाहिए और उन पुरुषों को भी अपने साथ मानना चाहिए जो देह से तो पुरुष हैं, परंतु खुद को महिला मानते हैं। उन्हें अपने में शामिल मानना चाहिए।

उन्हें अपने टॉयलेट में आने देना चाहिए, उन्हें अपने खेलों की प्रतिस्पर्धा में साथ मानना चाहिए आदि! इस प्रकार से महिलाओं की पहचान से घृणा करने वाले वर्ग ने महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों से हटाने के लिए महिलाओं के माध्यम से ही नया महिला विमर्श बनाया। डव का यह विज्ञापन उसी महिला घृणा का एक बड़ा उदाहरण है, जो महिलाओं को हर स्थान से मिटा देना चाहता है और वह भी महिलाओं की नई परिभाषा के माध्यम से, जो वोकिज़्म गढ़ रहा है और रच रहा है।

Topics: डव का विज्ञापनडव शैंपूडव ट्रांस वुमनdove addove shampoodove trans woman
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