वाराणसी । कुछ दिन पहले वाराणसी पुलिस और इंटेलीजेंस ने बड़ा अभियान चलाया था । इस अभियान के दौरान 249 लोग पश्चिम बंगाल के बीरभूमि के मिले थे। सभी के सत्यापन के लिए बंगाल पुलिस को पत्र भेजा गया था। अभी तक उधर से कोई भी सहयोग नहीं किया गया। इसलिए अब वाराणसी पुलिस और इंटेलीजेंस की टीम बीरभूमि जांच के लिए जाएगी। पुलिस और एलआईयू की रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
काशी में पश्चिम बंगाल के मूल निवासियों की संख्या अच्छी खासी हैं। रोहिंग्या – बांग्लादेशियों की पहचान कर पाना मुश्किल हो जाता है। बांग्लाभाषी होने के कारण दिक्कतें आती हैं। इनमें ज्यादातर लोग मजदूरी, रिक्शा, कूड़ा बिनने, कारीगरी का काम करते हैं। महिलाएं घरों में बर्तन धुलने का काम करती हैं। इनका ठिकाना रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, पार्कों, गांवों के बाहर सड़कों के किनारे होता है।
सभी के ओरिजनल कागजातों की जांच वाराणसी पुलिस बीरभूमि में जाकर करेगी। कब से और कहां से आकर बीरभूमि में इनके परिजन रह रहे थे, या रह रहे हैं। अप्रैल महीने में ही एटीएस ने सारनाथ इलाके से एक बांग्लादेशी को पकड़ा था। उसके पास से फर्जी कागजात से बनवाया गया आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बरामद हुआ था।
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