ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर को पिछले कुछ समय से राष्ट्रभक्त नागरिकों के गुस्से को झेलना पड़ रहा है। उस देश में अवैध आप्रवासियों की इतनी ज्यादा संख्या हो गई है कि वे वहां के वैध नागरिकों के अधिकार छीन रहे हैं। इस्लामवादी अपने इस्लामी शरिया कानून थोपने की आक्रामक मांग उठा रहे हैं। तमाम सरकारी भत्ते लेने के बाद भी सड़कों पर लूटमार कर रहे हैं और पुलिस भी उनके विरुद्ध कोई कदम उठाने से कतराती है। कोई नागरिक उनके विरुद्ध बोलने की हिम्मत करता है तो उेस रंगभेद का दोषी ठहराने की धाराएं लग जाती हैं। ब्रिटिश नागरिकों ने इसके विरुद्ध सड़कों पर उतरक प्रदर्शन किए हैं और प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से इस्तीफे की मांग की है। संभवत: इस दबाव के बाद अब स्टार्मर वीजा नीतियों और आप्रवासन नीतियों में कड़े बदलाव करने जा रहे हैं। उन्होंने देश की इमिग्रेशन नीति को सख्त बनाने की एक योजना घोषित की है। जैसा पहले बताया, इस कदम का उद्देश्य अवैध प्रवास को रोकना, कम हुनर जानने वाले कामगारों के वीसा में कटौती करना और प्रवास नीति को अधिक नियंत्रित और निष्पक्ष बनाना है।
बताया गया है कि ब्रिटिश सरकार कम कुशल कामगारों की वीजा संख्या को 50,000 कम करने जा रही है। इसके अलावा, परिवार और पढ़ाई से जुड़े वीसा नियमों को और सख्त करने की बात है। सरकार मानती है कि उच्च प्रवास दर से जन सेवाओं पर दबाव बढ़ रहा है और कुछ क्षेत्रों में सांप्रदायिक तनाव भी देखने को मिल रहा है।
ब्रिटेन में 2024 के जून माह तक कुल आप्रवासन की संख्या 7,28,000 रही, जो पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत कम है। हालांकि, यह संख्या 2010 में तय किए गए 1 लाख के लक्ष्य से सात गुना अधिक है। इसके अलावा, पिछले साल 37,000 लोग छोटी नावों से अवैध तरीके से इंग्लिश चैनल महासागर पार कर ब्रिटेन पहुंचे थे।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर का कहना है कि हर इमिग्रेशन श्रेणी में सख्ती लाने का प्रयास किया जा रहा है। सुनिश्चित किया जा रहा है कि कानून का पालन किया जाए। गृह मंत्री यवेट कूपर ने स्पष्ट किया है कि सरकार कोई नया इमिग्रेशन लक्ष्य तय नहीं करेगी, बल्कि कम कुशल कारीगरों अथवा कामगारों को जितने वीसा जारी हो किए जा रहे हैं उनमें कमी लाई जाएगी।
ब्रिटेन में 2004 में यूरोपीय संघ के विस्तार के बाद प्रवासियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई थी। 2016 के ब्रेग्जिट वोट के पीछे भी इमिग्रेशन एक बड़ा मुद्दा था, लेकिन ब्रेग्जिट के बाद भी वीजा पर आने वाले लोगों की संख्या कम नहीं हुई। लेकिन अब नए नियमों की वजह से अवैध प्रवासियों और कम कुशल कामगारों के लिए ब्रिटेन में प्रवेश करना कठिन हो जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था और जन सेवाओं पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
ब्रिटेन की नई इमिग्रेशन नीति अवैध प्रवास को रोकने और प्रवासियों की संख्या को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, इस नीति के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सुनने में आ रही हैं। अवैध आप्रवासियों में जहां चिंता की लकीरें हैं वहीं ब्रिटेन के वैध नागरिक संतोष की सांस लेते महसूस हो रहे हैं।
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