अफ्रीकी देश नाइजीरिया में 62,000 ईसाइयों के नरसंहार के बाद अब एक अन्य अफ्रीकी देश बुर्किना फासो में भी नागरिकों के नरसंहार की खबर सामने आ रही है। जहां देश की सेना ने ही 130 से अधिक नागरिकों का नरसंहार किया है। ये कत्लेआम बुर्किना फासो के सरकारी बलों और सहयोगी मिलिशिया ने किया है।
मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले अमेरिका के गैर सरकारी संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) की रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना मार्च की बताई जा रही है, जब ये नरसंहार किया गया था। मारे जाने वाले फुलानी मुदेश स्लिम समुदाय के लोग हैं। फुलानी मुस्लिमों पर अक्सर ही इस्लामी आतंकियों का समर्थन करने का आरोप लगता रहा है। हालांकि, फुलानी समुदाय के लोग इससे इंकार करते हैं।
देश के 40% हिस्से पर है अलकायदा का नियंत्रण
बुर्किना फासो की समस्या ये है कि वहां पर इस्लामी आतंकवाद चरम पर है। देश के करीब 40 फीसदी हिस्से पर अलकायदा और ISIS के आतंकियों का कब्जा है। ये पश्चिमी अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं। दावा किया जाता है कि देश के सैन्य नेता इस आतंकवाद से निपटने के वादे तो करते हैं, लेकिन सच ये है कि इसके कारण अब तक हजारों लोगों का जीनोसाइड हुआ है और लाखों लोगों को पलायन करना पड़ा है।
एचआरडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, इसी सप्ताहांत में कई आतंकी हमले हुए, जिसके कारण दर्जनों की संख्या में सैन्य अधिकारी हताहत हुए हैं। अभी पिछले महीने ही इस्लामिक आतंकियों ने सेना की मदद करने के आरोप में कम से कम 100 लोगों की हत्या कर दी थी। बुर्किना फासो पहले फ्रांस का औपनिवेश था, लेकिन अब वो उससे दूर हो गया है और अब देश इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए रूस की तरफ रुख कर रहा है।
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