बिहार

बांग्लादेशी जासूस की गिरफ्तारी से हुए कई खुलासे

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संजीव कुमार

अशरफुल आलम को बागडोगरा सैनिक छावनी से किया गया गिरफ्तार। वह भारतीय सेना की जानकारी इकट्ठा करने के साथ ही घुसपैठियों की कर रहा था मदद।

भारत में घुसपैठ की तैयारी बांग्लादेश कर रहा है। इस बार घुसपैठ वैसे लोगों की कराई जा रही है, जो भारत की महत्वपूर्ण जानकारी बांग्लादेश को उपलब्ध करा सकें। इन लोगों के रडार पर सैनिक ठिकाने और सामरिक महत्व के स्थान हैं। इस कार्य के लिए एक बड़ा नेटवर्क भी तैयार किया गया है। इस बात की जानकारी बांग्लादेशी जासूस अशरफुल आलम की गिरफ्तारी के बाद हुई है। अशरफुल ने स्वयं को बांग्लादेश की ख़ुफ़िया एजेंसी का पूर्व कर्मचारी भी बताया है।

अशरफुल की गिरफ्तारी 9 मई की देर रात को पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर से हुई। वह बागडोगरा सैनिक छावनी के समीप संदिग्ध गतिविधियों के दौरान पकड़ा गया। यहां वह छावनी क्षेत्र में संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रहा था। उसके पास से आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुए हैं। सीमा सुरक्षा बल के जवानों के अनुसार आरोपी हर समय अलग-अलग बयान दे रहा था। कभी वह बताता था कि चार-पांच महीने पहले बांग्लादेश की सीमा पार कर भारत आया है तो कभी कहता कि चार-पांच दिन पहले ही वह भारत आया है। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।

बांग्लादेश की तैयारी

सूत्रों की मानें तो बांग्लादेश ने भारत में अपने इस कार्य के लिए एक बड़ा तंत्र विकसित किया है। भारत में घुसपैठ के लिए नदी और सुरंग का सहारा लिया जा रहा है। इस कार्य में घुसपैठियों की मदद बेंगडुबी के समीप नाविक करते हैं। इसके अलावा बांग्लादेश ने तारबेड़ा नामक स्थान पर एक बड़ी सुरंग का निर्माण भी कराया है, जिसके माध्यम से घुसपैठिए भारत की सीमा में प्रवेश करते हैं या फिर गाय के तस्कर भारत की सीमा से गौ तस्करी कर बांग्लादेश ले जाते हैं। यहां भारत में बांग्लादेश के कई एजेंट सक्रिय हैं, जो इन घुसपैठियों को सुरक्षित तरीके से उनके गंतव्य तक पहुंचा देते हैं। 9 मई को ही उत्तर दिनाजपुर के दासपारा गांव से 9 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। ये सभी दिनाजपुर और नरसिंडी के रहने वाले थे।

भारत की सीमा से सटे बांग्लादेश के ठाकुरगांव में कई दलाल इस कार्य को करते हैं। वहां उनके बड़े-बड़े कार्यालय बने हुए हैं। ये एजेंट रात के अंधेरे में नदी और चाय बागान पार करते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगे तारबेड़ा के नीचे सुरंग बनाकर बांग्लादेशी लोगों को भारत में प्रवेश कराते हैं। इसके अलावा भी कुछ अन्य स्थानों पर भी सुरंग होने की जानकारी मिली है।

किशनगंज जिला मुख्यालय से बांग्लादेश की सीमा मुश्किल से 20 से 25 किलोमीटर दूर है। ग्वालपोखर और करणदिघी थानाक्षेत्र के कई गांव अंतर्राष्ट्रीय सीमा के समीप स्थित हैं।

सीमा पर सुरक्षा एजेंसिया अलर्ट मोड में

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए सीमा क्षेत्र में बीएसएफ, एसएसबी और पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में हैं। सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा एजेंसियां लगातार निगरानी कर रही हैं और अवैध गतिविधियों पर शिकंजा कस रही हैं।

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